सुशांत सिंह राजपूत मामले में अपनी बेबाकी से राय रखने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत और शिवसेना के बीच का विवाद किसी से भी छिपा नहीं है। पिछले दिनों 9 सितंबर को बीएमसी ने कंगना रनौत के ऑफिस पर अवैध निर्माण को लेकर बुलडोजर चला दिया था। जिसके बाद कंगना के समर्थन में देश के बहुत सारे लोग खड़े थे और वही बीएमसी और महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय पर उनकी आलोचना की जा रही थी। इस कार्रवाई के लिए कंगना रनौत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया था अब यह पूरा विवाद बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच चुका है। इस पूरे मामले पर बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई करते हुए, बीएमसी को फटकार लगाई है।
9 सितंबर को कंगना मनाली से मुंबई पहुंची भी नहीं थी उससे पहले उनके ऑफिस पर बुलडोजर चलवा दिया गया। उससे पहले संजय राउत ने कहा था कि हम कंगना को मुंबई घुसने नहीं देंगे। जिसके बाद कंगना और संजय रावत के बीच विवाद बढ़ता चला गया और संजय राउत ने कंगना के खिलाफ अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया। कंगना के मुताबिक बीएमसी ने इस कार्रवाई से उनके ऑफिस में दो करोड़ का नुकसान हुआ है इसीलिए कंगना ने मुंबई हाईकोर्ट का रुख किया और सोमवार को सुनवाई के दौरान मुंबई हाईकोर्ट ने बीएमसी को जमकर फटकार लगाई।
सुनवाई करने वाली मुंबई हाईकोर्ट के जजों की बेंच ने कहा हमने पहले ही कहा था कि अगर बीएमसी इतनी तेजी के साथ चलेगा तो मुंबई बहुत अच्छी होगी। कोर्ट में कंगना रनौत के वकील की तरफ से यह दलील पेश की गई थी कि यह कार्यवाही कंगना रनौत के ट्वीट का जवाब देते हुए बदला लेने की मंशा से की गई थी। कोर्ट ने शिवसेना नेता संजय राउत के पूरे बयान को सुनने की भी मांग की। दरसल हाईकोर्ट के आदेश पर संजय राउत को इस मामले के मुख्य आरोपी बनाया गया है, क्योंकि पूरा विवाद ही कंगना और संजय राऊत के बीच जुबानी जंग से शुरू हुआ था। हम आपको बता दें इससे पहले इस मामले में सुनवाई उन पर बीएमसी को कोर्ट ने लताड़ लगाई थी, जज की तरफ से कहा गया था कि कंगना के उस वक्त किए गए हिस्से को उस हालत में नहीं छोड़ा जा सकता, भारी मानसून में खतरा और ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है। अब देखना यह होगा कि इस पूरे मामले में हाई कोर्ट क्या फैसला सुनाती है?