‘बर्बाद गुलिस्ताँ करने को बस एक ही उल्लू काफ़ी था, हर शाख़ पे उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्ताँ क्या होगा’, नेताओं व गलत कार्यों में लिप्त व्यक्तियों पर कटाक्ष करने के लिए यह शेर देश में सर्वाधिक इस्तेमाल होता रहा है। लेकिन अब ये कटाक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे देशभर के किसानों के लिए होता नजर आ रहा है। आप सोच रहें होंगे कि आखिर अपनी मांगो को लेकर सड़कों पर बैठे किसानों के लिए इस पंक्ति का इस्तेमाल क्यों किया जा रहा है? दरअसल कृषि कानून को लेकर शुरु हुए इस प्रदर्शन की आड़ में अब देश विरोधी नारे लगने शुरु हो गए है? किसानों को मोहरा बनाकर पीएम मोदी के खिलाफ जहर उगला जाने लगा है। अफजल गुरु की फांसी और दिल्ली दंगो में दोषी पाए गए लोगों के समर्थन में नारे लगाए जाने शुरु हो गए है। हालांकि ये पहली बार नहीं है जब पीएम मोदी के खिलाफ इस तरह का विरोध होता नजर आ रहा हो, लेकिन किसानों की आड़ में राजनीति कर पीएम मोदी के खिलाफ ऐसा मंजर पहली बार देखा जा रहा है।
यह हम नहीं कह रहे बल्कि किसानों के प्रदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के खिलाफ लग रहें विरोधी नारे इस बात की खुद गवाही दे रहें है। एक के बाद एक ऐसे सबूत सामने आ रहे हैं, जिससे ये समझना आसान हो जाता है कि किसानों के आंदोलन को देश विरोधी ताकतें प्रभावित करने में जुटी हुई हैं। सरकार किसानों की मांगों को स्वीकार करने के लिए भी पूरी तरह से तैयार है लेकिन लगातार बढ़ती मांग इस बात की ओर इशारा कर रही है कि ये प्रदर्शन किसानों के लिए नहीं बल्कि केंद्र सरकार के खिलाफ एक सोची समझी साजिश के तहत किया जा रहा है। इस आंदोलन में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक नारेबाजी की जा रही है।
‘हाय हाय मोदी मरजा तू’
किसान आंदोलन के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी का अपमान किस तरह से हो रहा है इस बात का अंदाजा पीएम मोदी के खिलाफ लगाए गए नारे बताने के लिए काफी है। भारत एक लोकतांत्रिक देश है। यहां हर व्यक्ति और समाज को सरकार के सामने अपनी बात रखने का पूर्ण अधिकार है। लेकिन अपने देश के प्रधानमंत्री का अपमान किसी भी व्यक्ति को शोभा नहीं देता है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। वीडियो देखकर आप समझ गए होंगे कि आंदोलन के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी का अपमान कैसे किया जा रहा है। वीडियो में कुछ महिलाएं आपत्तिजनक नारेबाजी करती नजर आ रही है। महिलाओं के हाथो में लेफ्ट का झंडा साफ दिखाई दे रहा है, जिसके साथ वह कहती नजर आ रही है ‘हाय हाय मोदी मजरा तू।‘ किसान इस तरह के नारेबाजी का समर्थन नहीं करता। ऐसे में जाहिर तौर पर ये आंदोलन अब एक सोची समझी साजिश का शिकार हो चुका है।
ये कौन सा नारा है ? ये कौन सी विचारधारा है ? इस देश की ये संस्कृति तो नहीं । #FarmBills2020 #FarmersProtestHijacked pic.twitter.com/oUWvEPtOrc
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) December 13, 2020
‘इंदिरा ठोक दी, मोदी की छाती पर भी ठोक देंगे’
इमरान खान हमारा भाई है और दुश्मन हमारा दिल्ली बैठा है इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने वाले आखिर कौन से किसान है? इस तरह की भाषा का इस्तेमाल होना दर्शाता है कि किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी एजेंडा को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के उस शख्स की बात कर रहें है जिसके राज में सिखों और हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है। लेकिन इसके बावजूद इमरान खान को भाई बताना समझ से परे है।
इंदिरा ठोक दी, मोदी की छाती पे भी ठोक देंगे।
किसान आंदोलन में भिंडरावाला की तस्वीर भी दिखाई दी है।#AandolanMeinKhalistan pic.twitter.com/ClIZA23d0T— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) November 27, 2020
‘इमरान खान हमारा भाई, दुश्मन दिल्ली बैठा है’
इमरान खान हमारा भाई है और दुश्मन हमारा दिल्ली बैठा है इस तरह की भाषा का इस्तेमाल करने वाले आखिर कौन से किसान है? इस तरह की भाषा का इस्तेमाल होना दर्शाता है कि किसान आंदोलन के नाम पर खालिस्तानी एजेंडा को बढ़ावा दिया जा रहा है। प्रदर्शनकारी पाकिस्तान के उस शख्स की बात कर रहें है जिसके राज में सिखों और हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहा है। लेकिन इसके बावजूद इमरान खान को भाई बताना समझ से परे है।
Shocking Must Watch & RT To Expose!
Look at Reality of Ongoing Protests
Hyjack in Name of SoCalled Farmer's
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"Imran Hamara Bhai Hai, Dushman Hamara Delhi Me Baitha Hai"
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Has Any One Still Doubts that this Protest is Farmer's Protest & Not
Pro Khalistan Protest? pic.twitter.com/p2LRp9YG4D— Jay® (@SaffronJay) November 29, 2020
देश के प्रधानमंत्री का अपमान क्यों?
निश्चित तौर पर देश का हर वो किसान हीरो है, जो अपने हक के लिए लड़ रहा है। लेकिन आंदोलन के नाम पर प्रधानमंत्री का अपनाम करना किस हद तक ठीक है? किसान आंदोलन का समाधान प्रधानमंत्री मोदी के अपमान से कैसे निकल सकता है? पीएम मोदी और देशविरोधियों के समर्थन में खड़े कुछ वामपंथी दल किसानों को साफ दिखाई दे रहें है। लेकिन आखिर किसान ऐसे लोगों के खिलाफ अभी तक खड़े नजर क्यों नहीं आए? ऐसे कई सवाल है कि जो इस प्रदर्शन की आड़ में राजनैतिक संलिप्ता की ओर साफ इशारा कर रहें है।