कोरोनोवायरस के प्रकोप के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 60 वर्ष से ऊपर के केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) लाभार्थियों की दवाओं की होम डिलीवरी करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही मधुमेह जैसी बीमारी या अन्य उपचार से गुजरने वाले लोग कल्याण केंद्रों का दौरा नहीं करेंगे। अपने आदेश में, मंत्रालय ने कहा कि एक अधिकृत प्रतिनिधि के जरिये (पुरानी बीमारियों के मामले में) तीन महीने के लिए एक बार में ही दवाएं दी जाएंगी। इसमें कहा गया है कि 60 या उससे अधिक आयु के बुजुर्ग लाभार्थी, अंग प्रत्यारोपण, कीमोथेरेपी इत्यादि जैसे उपचार से गुजरने वाले लाभार्थी या घर पर रहने वाले किसी अन्य बीमारी से पीड़ित लाभार्थी इस सुविधा का लाभ उठा पाएंगे। आदेश में कहा गया है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) और अन्य केंद्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के कर्मचारियों को इन निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील बनाया जाएगा।
अधिसूचना के अनुसार, लोगों को लॉकडाउन के दौरान दवा लेने के लिए घर से बाहर निकलने से रोकने के लिए यह व्यवस्था की गई है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से इस अधिसूचना में कहा गया है, ‘केंद्र सरकार इस बात को लेकर आश्वस्त है कि कोरोना वायरस नामक महामारी से उपजी आपात स्थितियों के मद्देनजर दवाओं की होम डिलीवरी जरूरी है। इसमें आगे कहा गया है, ‘उपभोक्ताओं तक दवाओं को पहुंचाने के लिए इनकी बिक्री और वितरण को विनियमित करना जरूरी है। अनुसार, ऐसी दवाएं जिन्हें लोगों के घरों तक पहुंचाया जाएगा, वो ‘शेड्यूल एच’ के अंतर्गत आती हैं। इसका मतलब है कि ऐसी दवाओं को किसी योग्य डॉक्टर के पर्चे के बिना नहीं खरीदा जा सकेगा। इसके मुताबिक, ऐसी दवाओं की बिक्री योग्य डॉक्टर के पर्चे पर ही होगी, जिसे उपभोक्ता को भौतिक रूप से या फिर ईमेल के जरिये प्रस्तुत करना होगा।