कुछ समय पहले प्रधानमंत्री मोदी ने विधायकों और मंत्रियों की गाड़ियों से भी लाल बत्ती हटाकर वीआईपी कल्चर को खत्म करने की बात की थी। जिसके लिए मई 2017 से नेताओं की गाड़ियों के ऊपर से लालबत्ती तथा झंडी हटवा दी गई थी। लेकिन अब उनकी पार्टी के नेता और हरियाणा सरकार के मुख्यमंत्री सीएम मनोहर लाल खट्टर, स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणबीर गंगवा, संसदीय कार्य मंत्री कुंवर पाल गुर्जर ने विधायकों की गाड़ी पर लगाने के लिए विधानसभा के लोगों की मेहरून रंग की झंडी को लॉन्च किया है और यह झंडी जल्द ही विधायकों को दे दी जाएंगी। विधायक इसे लेकर बेहद खुश हैं क्योंकि झंडी से अब उनकी गाड़ी को दूर से ही पहचाना जाएगा न कोई टोल टैक्स पर रुकेगा, ना पुलिस हाथ देगी। स्पीकर से लेकर विधायक तक झंडे को लेकर वीआईपी कल्चर नहीं मानते। उनका कहना है, ” यह विधायक की पहचान है। ” वहीं सीएम ने मंगलवार को विधानसभा परिसर में भगवान श्री कृष्ण के साथ भगवत गीता के चित्र का अनावरण भी किया है।
आज हरियाणा विधानसभा परिसर में श्रीकृष्ण – अर्जुन रथ स्थापित श्रीमद्भागवत गीता का लोकार्पण किया। इस अवसर पर विधानसभा के अध्यक्ष, मंत्रीगण व विधायकगण भी उपस्थित रहे।
— Manohar Lal (@mlkhattar) October 13, 2020
श्रीकृष्ण जी द्वारा दिया गया गीता का संदेश मानव समाज को कर्मपथ पर अग्रसर रहने हेतु सदैव प्रेरित करता रहेगा। pic.twitter.com/tXIzZpHWLp
गाड़ी पर झंडी लगाने की मांग विधायकों ने ही विधानसभा स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के सामने रखी थी। ज्यादातर विधायकों का यह कहना था कि उनकी कोई पहचान नहीं है, उनकी पहचान होनी चाहिए क्योंकि टोल बूथों पर उन्हें रोक लिया जाता है। जब एमएलए का कार्ड दिखाते हैं तो उसे मान्य तक नहीं करते रास्ते में कहीं भी पुलिस कर्मचारी रोक लेते हैं। उन्हें बहुत दिक्कत होती है। इसके बाद स्पीकर की सलाह पर अब यह फैसला लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ” मौजूदा विधायक ही इस झंडे का इस्तेमाल अपने वाहनों पर कर सकेंगे जो उनके नाम से पंजीकृत होगी यदि मौजूदा के पास अपने नाम से कोई पंजीकृत वाहन नहीं है तो झंडे का इस्तेमाल निजी या किराए के वाहन पर किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल के लिए परिवहन आयुक्त की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है। यह पत्र हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने या विधायक की विधानसभा का सदस्य होने तक वैध रहेगा।
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