हरियाणा सरकार भी अब तक उत्तर प्रदेश सरकार की तरह कई प्रमुख फैसले ले चुकी है। भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने वाली कई योजनाओं को हरियाणा सरकार ने मंजूरी दे दी है। इसी बीच यह बताया जा रहा है कि अब हरियाणा के सरकारी विद्यालयों में योग को एक अलग विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा। अब योग को एक अलग विषय के रूप में पढ़ाने वाला हरियाणा पहला राज्य होगा। बीते दिनों योग परिषद की बैठक में यह फैसला लिया गया था, जिसमें हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज और योग गुरु बाबा रामदेव उपस्थित रहे थे।
योगगुरु स्वामी श्री रामदेव जी के साथ आज चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में हरियाणा योग परिषद् की बैठक में सम्मिलित हुआ।
हरियाणा सरकार प्रदेश में योग को बढ़ावा देने के लिए गंभीर प्रयास कर रही है और इस दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।@yogrishiramdev pic.twitter.com/jikPtde5Wq
— Manohar Lal (@mlkhattar) December 2, 2020
विद्यालयों में एक अलग विषय होगा योग शिक्षा
योग परिषद की जो बैठक हुई उसमें बाबा रामदेव भी उपस्थित थे और इस बैठक में प्राणायाम तथा आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के लिए कई प्रमुख निर्णय भी लिए गए। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि अब अगले सत्र से नैतिक शिक्षा के अलावा योग शिक्षा भी एक अलग विषय होगा। अब हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए योग को वैकल्पिक या अनिवार्य विषय बना दिया है।
हरियाणा योग परिषद की मीटिंग मुख्यमंत्री जी व स्वामी #रामदेवजी की उपस्थिति में संपन्न हुई । बैठक में योगशालायों की संख्या 2000 करने, योग को शिक्षा में एक सब्जेक्ट के तौर शामिल करने, माह के पहले रविवार को योगदिवस के रूप में मनाने व योग प्रशिक्षकों की भर्ती करने का निर्णय लिया गया ।
— ANIL VIJ MINISTER HARYANA (@anilvijminister) December 2, 2020
बैठक में लिए गए आयुर्वेद से संबंधित कुछ फैसले:
- हरियाणा के स्वास्थ्य तथा गृह मंत्री अनिल विज ने बताया कि अब हरियाणा में लगभग दो हजार व्यायामशाला स्थापित की जाएंगी। जिससे अधिक से अधिक लोग इन व्यायाम शालाओं में योग कर सकें।
- आगामी विद्यालय सत्र में योग को एक अलग विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
- हरियाणा में 1000 आयुष सहायकों तथा 22 आयुष योग प्रशिक्षकों की भर्ती की जाएगी
- प्रत्येक रविवार को योग प्रशिक्षण दिवस मनाया जाएगा। जिसमें शारीरिक शिक्षा में डिग्री धारक लोग प्रशिक्षण देंगे।