पिछले कई दिनों से बाबा रामदेव बड़े विवाद में उलझ गए थे। उन्होंने 23 जून को पतंजलि योगपीठ से एक दवा लॉन्च की थी। जिसके बारे में यह दावा किया गया था कि यह कोरोना संक्रमण को खत्म कर सकता है। इसके कुछ देर बाद ही उसी दिन आयुष मंत्रालय ने इस दवाई के प्रचार पर रोक लगा दी थी और राजस्थान सरकार और महाराष्ट्र सरकार ने रामदेव बाबा के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज करा दिए थे। बाबा रामदेव ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया, “हमने जो इस दवा का ट्रायल किया था तो जो बीमारी छठे लेवल तक आ रही थी वे धीरे-धीरे एक या दो लेवल तक पहुंचने लगी थी। हमने सारी रिपोर्ट आयुष मंत्रालय को उपलब्ध करा दी है।”
ऐसा लग रहा है आयुर्वेद का काम करना कोई गुनाह हो गया है : बाबा रामदेव
योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने विरोधियों को भी आड़े हाथों लेकर कहा, “योगगुरु ने कहा कि क्या सिर्फ सूट-टाई वाले डॉक्टरों ने रिसर्च का ठेका लिया है, कोई बाबा काम नहीं कर सकता है।”
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बाबा रामदेव ने अपने ऊपर उठ रहे विवाद पर गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, “कि कुछ लोग कह रहे हैं कि पतंजलि ने पलटी मारी, कुछ लोग कह रहे हैं कि पतंजलि ने कोई अनुसंधान नहीं किया, कुछ लोग मेरी जाति-धर्म और मेरे संन्यास को लेकर गंदगी फैलाने में लगे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे देश में आयुर्वेद पर काम करना कोई गुनाह हो गया है। मेरे खिलाफ इस तरह से एफ आई आर दर्ज कराई जा रही है जैसा कि आतंकवादियों और देशद्रोहियों पर कराई जाती है!”
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