आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने के बावजूद उसके लाभार्थियों तक पहुंचना सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक इस योजना के तहत 65 करोड़ से अधिक लाभार्थी हैं, लेकिन अभी तक महज 16 करोड़ लाभार्थियों का ही आयुष्मान कार्ड बन पाया है। ऐसे में अब रजिस्ट्रेशन कराने वाले प्रत्येक व्यक्ति तक स्मार्ट कार्ड पहुंचाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने अगले एक साल के भीतर सौ फीसद लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा है।
बताया जा रहा है कि आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने के अवसर पर नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने इसकी कमियों को दूर कर बेहतर बनाने के लिए तीन दिन का विचार-विमर्श कार्यक्रम रखा है। आरोग्य मंथन के नाम से चलने वाले इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सदस्य डाक्टर वीके पाल ने योजना के विस्तार की जरूरत बताई गयी है लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि मौजूदा लाभार्थियों तक ही इस योजना का लाभ नहीं पहुंच रहा है।
भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि अगले एक साल के भीतर सभी लाभार्थियों की पहचान कर उन्हें आयुष्मान कार्ड देना हमारा लक्ष्य है। आरएस शर्मा ने आयुष्मान भारत की तीन साल की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा कि इसके तहत 2.2 करोड़ लाभार्थियों का मुफ्त और कैशलेस इलाज किया जा चुका है। उनके इलाज के लिए आयुष्मान भारत से संबद्ध लगभग 24 हजार अस्पतालों को 26 हजार करोड़ का भुगतान किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तारीफ
आपको बता दें कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुष्मान भारत योजना के तीन साल पूरे होने पर इस योजना की तारीफ की है। ANI के अनुसार, प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार कम कीमत पर उच्च कोटि की स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में स्वास्थ्य सुविधा की अहमियत को ज्यादा स्पष्ट रूप से समझा गया।