कोरोना के चलते देश भर में 14 अप्रैल तक जारी लॉकडाउन अपने अंतिम चरण में है। हालांकि कुछ राज्यों में इसकी अवधि को बढ़ा भी दिया गया है। कुछ रिपोर्ट्स की माने तो किसी भी समय देश भर में 30 अप्रैल तक लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाने की घोषणा हो सकती है। लॉकडाउन के बढ़ने के साथ लोगों की आवाजाही पर लगी पाबंदी भी बढ़ा दी जाएगी। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार हर वो जरुरी कदम उठा रही है जिससे लोगों को दैनिक जरूरतों की समस्या का सामना न करना पड़े। इसी के लिए सरकार 20 लाख रिटेल दुकानों की चेन स्थापित करने की तैयारी में है।
इन दुकानों की शुरुआत सुरक्षा स्टोर्स के नाम से की जाएगी। सुरक्षा स्टोर्स के तहत लॉकडाउन के बीच लोगों को दैनिक जरूरत का सामान उपलब्ध कराया जाएगा। इसकी शुरुआत होते ही आपके पड़ोस के किराना दुकान को सेनिटाइज किया जाएगा और सुरक्षा स्टोर के रूप में तब्दील किया जाएगा। हालांकि इस दौरान सोशल डिस्टैंसिंग का पूरी तरह से पालन होगा। सुरक्षा स्टोर्स पर कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए नियमित रूप से सेनिटाइजेशन भी किया जाएगा। सूत्रों की माने तो हर दुकानदारों को एक सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा। जिसे उन्हें अपनी दुकानों के बाहर लगाना अनिवार्य होगा। जिन दुकानदारों के पास ये बैच या सर्टिफिकेट होगा, उन्हें ही दुकान खोलने की आज्ञा दी जाएगी।
ख़बरों की माने तो सरकार का लक्ष्य अगले 45 दिन में 20 लाख रिटेल दुकानों को ‘सुरक्षा स्टोर’ के रूप में चिह्नित करने की है जिसे लेकर सरकार के कुछ अधिकारियों ने एफएमसीजी के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत भी की है। इस योजना को सुचारू ढंग से लागू करने के लिए हर एफएमसीजी कंपनी के पास कम से कम 3 राज्यों में इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ता मामलों के सचिव पंकज कुमार अग्रवाल ने इस योजना को लेकर कहा कि ‘सरकार ‘सुरक्षा स्टोर’ नामक पहल पर काम कर रही है। लेकिन इस बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी जाएगी।‘
बता दें कि सुरक्षा स्टोर्स बनाने के लिए दुकानदारों को कुछ नियमों का पालन करना होगा। दुकान में प्रवेश से पहले ग्राहकों को सेनिटाइजर या हैंडवॉश के जरिए हाथ साफ करना होगा जबकि दुकानों के अंदर बिलिंग काउंटर पर 1.5 मीटर की डिस्टैंसिंग रखना अनिवार्य रहेगा। इसके अलावा हर दुकानदार और ग्राहकों को मास्क पहनना भी जरुरी रहेगा।
Image Attribution: Marc Shandro / CC BY