उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार प्रदेशवासियों को रोजगार देने की तैयारी कर रही है। उत्तर प्रदेश के प्रमुख नगर, मेरठ से प्रयागराज गंगा एक्सप्रेस बनाया जा रहा है। इसी परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश वासियों को रोजगार देना चाहती है। सरकारी सूत्र यह मानते हैं कि यह परियोजना 3 सालों के भीतर पूरी हो जाएगी। बताया जा रहा है कि इसी गंगा एक्सप्रेस वे के किनारे अधिक संख्या में उद्योग भी लगाए जाएंगे। जिनसे लोगों को अधिकतम संख्या में रोजगार मिलेगा। यूपीडा द्वारा गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण काम शुरू हो गया है। इसके लिए लेखपाल, तहसीलदार व राजस्व अधिकारी राजस्व विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लिए जाएंगे।
इस परियोजना में रोजगार देने के लिए करीब 6000 से ज्यादा लोगों को चयनित किया जा सकता। हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के अनुसार 396 किमी के गंगा एक्सप्रेसवे वे बनाने के लिए दस हजार श्रमिकों की जरूरत पड़ेगी। यह संख्या केवल उन लोगों की है जो इस एक्सप्रेस वे में श्रमिकों का कार्य करेंगे। वही इस पूरी परियोजना को टेक्निकल रूप से देखने के लिए अलग लोगों को लगाया जाएगा।
यूपीडा के एक अधिकारी बताते हैं कि 36 नए पदों पर स्टाफ रखने के लिए शासन से अनुमति मांगी गई है। जिन जिलो से एक्सप्रेसवे वे गुजरेगा, श्रमिक वहीं से लिए जाएंगे। इस परियोजना में 37,500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। टेक्निकल सपोर्ट के लिए लोगों को तैयार करने हेतु कई नौकरियां निकाली जाएंगी। इनमें मुख्य महाप्रबंधक सिविल, महाप्रबंधक सिविल, वरिष्ठ प्रबंधक सिविल, सहायक प्रबंधक सिविल पद शामिल होंगे। इसमें सिविल इंजीनियरिंग में प्रथम श्रेणी में स्नातक उपाधि के साथ कम से कम दस साल का अनुभव कार्य की जरूरत है।