फुंशुक वांगडू ने कर दिया कमाल, माइनस टेंपरेचर में भी नहीं लगेगी जवानों को ज्यादा सर्दी

थ्री ईडियट् के फुंशुक बांगड़ू ने एक ऐसा आविष्कार किया है जिसके बाद माइनस टेंपरेचर में रहने वाले भारतीय सेना के जवानों को काफी राहत मिलेगी। बताया जा रहा है कि मशहूर वैज्ञानिक ने एक ऐसे टेंट का निर्माण किया है जिसके भीतर 20 डिग्री टेंपरेचर तब रहता है जब बाहर का टेंपरेचर -20 डिग्री हो।

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चित्र साभार: ट्विटर @Wangchuk66

आप सभी ने आमिर खान की 3 ईडियट्स फिल्म देखी होगी इस फिल्म में आमिर खान ने मशहूर वैज्ञानिक फुंशुक वांगडू का किरदार निभाया था। फुंशुक बांगडू का किरदार असल में लद्दाख के सोनम वांगचुक से प्रेरित है, जिन्होंने लद्दाख में स्कूल खोल रखा है। इन्हीं सोनम वांगचुक ने लद्दाख की खून जमा देनेवाली सर्दी में तैनात जवानों के लिए एक ऐसा टेंट तैयार किया है, जो बिना लकड़ी, बिना किरोसीन के केवल सूरज की गर्मी से ही काफी गर्म रहता है। दावा किया जा रहा है कि स्टैंड के भीतर 12 डिग्री टेंपरेचर तब रहता है जब स्टैंड के बाहर -12 डिग्री टेंपरेचर हो। फुंशुक का कहना है कि यह टेंट तभी कारगर होंगे जब ने दक्षिण दिशा में लगाया जाए जिससे सूर्य की भरपूर रोशनी को अवशोषित कर सकें और बाद में भारतीय सेना के लिए राहत का कार्य करें।

सोनम वांगचुक को उनके आईस स्‍तूप के लिए जाना जाता है। उनके इस आविष्कार को लद्दाख के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण आविष्कार माना जाता है । यह आविष्‍कार स्‍टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्‍चरल मूवमेंट्स ऑफ लद्दाख का केंद्र बिंदु है। इस संस्‍थान को क्षेत्र में शैक्षिक व्‍यवस्‍था में परिवर्तन लाने के लिए जिम्‍मेदार माना जाता है। इसके बाद वांगचुक ने हिमालयन इंस्‍टीट्यूट ऑफ अल्‍टरनेटिव्‍स की शुरुआत की। यह इंस्‍टीट्यूट उच्‍च शिक्षा से जुड़ा है।

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