फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया : 30 साल में 4 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाने वाले जादव की कहानी,

जादव मोलई पायेंग मोलाई नाम के एक शख्स को फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया कार आता है। जादव ने अपने 30 साल के जीवन में लगभग 4 करोड़ पेड़ लगाए हैं।

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क्या आपने कभी किसी ऐसे शख्स के बारे में सुना है जिसने किसी जगह पर 4 करोड़ से ज्यादा पेड़ लगाए हों? एक ऐसा शख्स जिसने बंजर जमीन को जंगल से भर दिया हो? क्या आप जानते हैं भारत के फॉरेस्ट मैन ऑफ इंडिया को? अगर नहीं तो आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताएंगे जिसने एकात्म पराक्रम से 30 साल में 1360 एकड़ में एक जंगल तैयार कर दुनिया के लिए मिसाल बन चुके हैं।

आपको बता दें कि उस शख्स का नाम है जादव मोलई पायेंग। आसाम के जोरहट जिले के रहने वाले है…उनका जन्म साल 1963  में छोटे से गांव कोकिलामुख में हुआ था। बचपन से ही वे प्रकृति से लगाव रखते थे। उसी दौरान असम में भयंकर बाढ़ आई थी। जिसने उस इलाके को बुरी तरह से तहस नहस कर दिया था। उस समय 16 साल के जादव ने देखा कि ब्रह्मपुत्र के किनारे कई जानवरों की जान चली गयी थी। वहीं सैकड़ों मरे हुए सांप रेत पर आ गए थे। आसपास का पूरा इलाका नदी में समा गया था। जिसके कारण हजारों पशु पक्षी बेघर हो गए थे। इस घटना से जादव के मन पर बहुत असर डाला था।

उसी समय जादव ने ठान लिया था कि वे खूब पेड़ पौधे लगाकर इससे भी बड़ा जंगल तैयार करूंगा। जिसके सभी पक्षी और पशुओं को संरक्षण मिलेगा। जादव ने अपने इस विचार को गांववालों के साथ साझा किया, लेकिन गांववालों ने उनके इस विचार पर सहमति जाहिर नहीं की। अब ये काम काफ़ी कठिन लग रहा था। इसी लिए जादव ने अपने नेक इरादों के साथ इस कठिन काम को शुरु कर दिया। शुरुआत में, उन्होंने 20 पौधे लगाए,फिर 100 और धीरे-धीरे यह संख्या इतनी ज्यादा बड़ती गयी कि तकरीबन 1,360 एकड़ जमीन, एक विशाल जंगल के रूप में दिखाई देने लगी। उनके इस काम ने केवल मनुष्यों को ये उपहार दिया है बल्कि लाखों पशु पक्षी भी इसी जंगल में आश्रय पा रहे हैं।

2-2 राष्ट्रपतियों ने भी किया है सम्मानित

जादव पायेंग को प्रकृति के अनुकरणीय योगदान के लिए जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सम्मानित किया और उन्हें एक नए नाम Forest Man Of India से नवाजा गया। कनाडा के एक फिल्मकार मैकमास्टर ने जादव पायेंग के जीवन पर ‘फॉरेस्ट मैन’ नाम से डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाई है। यह फिल्म साल 2014 में रिलीज हुई थी और इस फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुका है। इसके अलावा आपको  बता दें कि साल 2015 में जादव को पद्म श्री सम्मान से भी सम्मानित किया गया है। वहीं इसके अलावा, उन्हें असम कृषि विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट (पीएचडी) की उपाधि भी मिल चुकी है। आपको बता दें कि जादव को भारत के दो पूर्व राष्ट्रपतियों डॉ एपीजे अब्दुल कलाम और  प्रणब मुखर्जी के द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

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