अपनी कर्मभूमि वाराणसी में कई योजनाओं का शिलान्यास करने के पश्चात भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी जन्मभूमि गुजरात पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुजरात को कई खास तोहफे दिए, जिनमें नीचे ट्रेन और ऊपर 5 स्टार होटल वाले स्टेशन के साथ, जन्मभूमि वडनगर का नया स्टेशन भी शामिल है, जहां कभी वह बचपन में चाय बेचा करते थे। प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात को करीब 1100 करोड़ रुपए से ज्यादा की योजनाओं का तोहफा दिया। इनमें गुजरात साइंस सिटी में एक्वेटिक्स और रोबोटिक्स गैलरी और नेचर पार्क भी शामिल है। गांधीनगर स्टेशन पर बना पांच सितारा होटल 318 कमरों का है और इसे बनाने में लगभग 790 करोड रुपए खर्च हुए हैं। गांधीनगर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास और उसके ऊपर फाइव स्टार होटल का निर्माण जनवरी 2017 में शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री मोदी ने इसका शिलान्यास किया था। होटल के ठीक सामने एक कॉन्फ्रेंस सेंटर स्थापित किया गया है जिसका नाम महात्मा मंदिर है। यहां संगोष्ठियों और सम्मेलनों में हिस्सा लेने के लिए आने वाले देश-विदेश के मेहमान इस होटल में ठहर सकते हैं।
आज प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने री-डेवलप्ड गांधीनगर केपिटल स्टेशन, सुरेन्द्रनगर पीपावाव के बीच रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन, वडनगर स्टेशन के साथ महेसाणा-वरेठा के बीच इलेक्ट्रिफाइड ब्रॉड गेज लाइन जैसी अनेक विकास योजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया।#GujaratOnFastTrack pic.twitter.com/Ba9v7nmRef
— BJP (@BJP4India) July 16, 2021
अधिकारियों ने बताया कि गांधीनगर रेलवे स्टेशन देश का पहला ऐसा पुनर्विकसित स्टेशन है जहां सुविधाएं हवाई अड्डों जैसी हैं। स्टेशन पर दो ऐस्केलेटर, दो ऐलीवेटर और प्लेटफॉर्म को जोड़ने वाले दो भूमिगत पैदल पार पथ हैं। प्रधानमंत्री ने अहमदाबाद के साइंस सिटी में तीन नए आकर्षणों का उद्घाटन भी किया। इन आकर्षणों में एक एक्वेटिक गैलरी, एक रोबोटिक गैलरी और एक नेचर पार्क शामिल हैं। उन्होंने वडनगर रेलवे स्टेशन की नयी इमारत का भी उद्घाटन किया जिसका निर्माण 8.5 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। प्रधानमंत्री ने गांधीनगर और वाराणसी के बीच एक नयी साप्ताहिक सुपरफास्ट ट्रेन, गांधीनगर एवं मेहसाणा के बीच एक मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेन, 54 किलोमीटर लंबी विद्युतीकृत मेहसाना-वरेठा ब्रॉड गेज रेल लाइन और सुरेंद्रनगर और पिपावाव स्टेशन के बीच 266 किलोमीटर लंबा रेल खंड को भी राष्ट्र को समर्पित किया।