किसानों ने ठुकराया सरकार का लिखित प्रस्ताव, कहा-बदलाव नहीं कानून वापस होने चाहिए

केंद्र सरकार की ओर से बुधवार को किसान संगठनों को एक लिखित प्रस्ताव भेजा गया। किसानों ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कहा है कि अब आंदोलन और तेज होगा। किसानों का कहना है कि हम चाहते हैं कि कानून वापस हो ना कि बदलाव हो।

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चित्र साभार: ट्विटर @ANI

सरकार के मंत्रियों के साथ किसानों की कुल 6 बैठक अब तक बेनतीजा रही हैं। कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसानों की रात 11:00 बजे तक बैठक हुई थी जिसमें भी कोई नतीजा नहीं निकला। 9 दिसंबर को भी एक बैठक होने वाली थी जो कि टल गई। केंद्र सरकार की ओर से 9 दिसंबर को किसानों के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया, यह प्रस्ताव लिखित था लेकिन किसानों ने इस प्रस्ताव को भी अस्वीकार कर दिया। किसानों का कहना है कि हमें कानून वापस कराने हैं ना कि बदलाव कराना है। सरकार की ओर से पहले ही कहा जा चुका है कि हम बदलाव करने के लिए विचार कर सकते हैं लेकिन कानून किसी भी हालत में वापस नहीं लिए जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ अब किसान संगठन भी अपनी बातों पर अड़ गए हैं। उन्होंने कहा है कि अब हम तेजी के साथ आंदोलन करेंगे अंबानी और अडानी के प्रोडक्ट का बायकॉट करेंगे इसके अलावा भाजपा नेताओं को भी बायकॉट करेंगे।

14 दिसंबर को पूरे भारत में प्रदर्शन किए जाएंगे। 12 दिसंबर को जयपुर दिल्ली तथा आगरा दिल्ली हाईवे बंद किया जाएगा। यह भी कहा जा रहा है कि रिलायंस जिओ तथा अंबानी से जुड़े हुए सभी प्रोडक्ट का बहिष्कार भी किया जाएगा। बताया जा रहा है कि अब देश के दूसरे हिस्सों से भी किसानों को दिल्ली बुलाया जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम के बीच अब केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वर्तमान भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं। हम आपको बता दें इससे कुछ दिनों पहले ही20 प्रतिनिधियों के साथ देश के कई किसान संगठन नरेंद्र सिंह तोमर से मिलने गए थे और उन्होंने कहा था कि हम किसानों के लिए लाए गए इन सभी कृषि संशोधन अधिनियमों के समर्थन में है। उनका कहना है कि अगर इस कानून में कहीं कोई कमी है तो सुधार करना चाहिए लेकिन सरकार को कानून वापस नहीं लेना चाहिए।

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