केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पूरे देश में चलने वाला आंदोलन अगले 2 दिनों में समाप्त हो सकता है। सोमवार को सिंघु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों ने मीटिंग की। इस मीटिंग के बाद माना जा रहा है कि यह सभी 32 संगठन इस किसान आंदोलन को खत्म कर सकते हैं। हालांकि अंतिम फैसला 1 दिसंबर 2021 को लिया जाएगा। किसान नेता हरमीत कादियां ने इस मामले पर कहा- लोकसभा और राज्यसभा से यह तीनों कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं। पराली और बिजली एक्ट से किसानों को निकाल दिया गया है। हमारी जीत पूरी हो गई है। जिन मांगों को लेकर हम आए थे, उन पर फैसला हो चुका है। MSP पर सरकार ने कमेटी बनाने की बात कही है। उसके लिए केंद्र सरकार को एक दिन का वक्त दिया है। इसमें किसानों के प्रतिनिधि लिए जाएंगे या नहीं और वो कितने वक्त में फैसला लेगी? इन बातों पर सब कुछ साफ होना चाहिए।
कादियां ने ये भी कहा- पहले हमारी मांगों पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर और पीयूष गोयल ने ऐलान किए थे। हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में उसका ऐलान कर दें। हम शहीद किसानों को मुआवजा देने की मांग भी कर रहे हैं। चंडीगढ़, दिल्ली, हरियाणा और दूसरी जगहों पर किसानों पर दर्ज केस वापस लिए जाने चाहिए। सरकार पूरी तरह से झुकी है और हमारी मांगों पर आगे बढ़ रही है। किसान नेता जंगवीर सिंह ने कहा- हम जीत को जीत ही कहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसलों का स्वागत करते हैं।