100 दिनों से ज्यादा का समय हो चुका है किसानों का आंदोलन ना तो समाप्त हो रहा है और ना ही सरकार से किसी प्रकार की बातचीत हो रही है किसानों के आंदोलन की आड़ में सरकार अपना पक्ष रख रही है, विपक्ष सत्ता में आने के रास्ते खोज रहा है वहीं दूसरी तरफ किसान नेता विभिन्न प्रदेशों में जाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं। राकेश टिकट भी इसी श्रंखला में पश्चिम बंगाल पहुंच चुकी है और भाजपा को वोट न देने की अपील कर रहे हैं। किसानों के असली मुद्दों पर बात नहीं हो रही। टिकरी बॉर्डर पर किसानों ने अब अपना पक्का मकान बनाना भी शुरू कर दिया है। कानून वापसी तक परमानेंट डेरा डालने के इरादे से किसानों के लिए लिए अब बॉर्डर पर ईंट-सीमेंट के पक्के घर भी तैयार हो रहे हैं। गर्मी की मार को झेलने के लिए एसी कूलर तथा पंखों की व्यवस्था भी इस बॉर्डर पर की जा रही है। इसी सिलसिले में टिकरी बॉर्डर पर परमानेंट शेल्टर बनाए गए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, किसान सोशल आर्मी टिकरी बॉर्डर पर ईंट-सीमेंट से पक्के मकान की तरह अपने आशियाने को बना रहे हैं। उनका मानना है कि क्योंकि किान आंदोलन लंबा चलेगा, इसलिए उन्होंने ईंट-सीमेंट से परमानेंट शेल्टर का निर्माण किया है। किसान सोशल आर्मी के अनिल मलिक ने कहा, ये घरें किसानों की इच्छाशक्ति के जैसे ही मजबूत और परमानेंट हैं। अब तक 25 घर बनाए गए हैं और आने वाले दिनों में ऐसे 1000 से 2000 घरों का निर्माण किया जाएगा।
Kisan Social Army has constructed a permanent shelter at Tikri border as protest against farm laws continues
"These houses are strong, permanent just like the will of the farmers. 25 houses built, 1000-2000 similar houses to be built in coming days,"Anil Malik, Kisan Social Army pic.twitter.com/4ZudQTIAqj
— ANI (@ANI) March 13, 2021