वैश्विक महामारी कोरोना काल में देश ही नहीं बल्कि पुरे विश्व की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। इसी बीच अच्छी खबर यह आ रही है कि, भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आती दिख रही है। माना जा रहा है कि, खनन और बिजली उत्पादन क्षेत्रों के बेहतर प्रदर्शन से सितंबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 0.2 फीसदी की वृद्धि के साथ छह महीने बाद अर्थव्यवस्था सकारात्मक दायरे में पहुंचा। हालांकि, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण अक्तूबर में खुदरा मुद्रास्फीति 7.61 फीसदी पर पहुंच गई।
इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अर्थव्यवस्था की कमर को मजबूती प्रदान करने के लिए आत्मनिर्भर पैकेज 3.0 की घोषणा की। इस पैकेज में छोटे कारोबारियों पर विशेष ध्यान दिया गया है। छोटे कारोबारियों के लिए पहले से चल रही ऋण गारंटी सुविधा कार्यक्रम की अवधि इस वित्त वर्ष के अंत तक बढ़ा दी गई है।
जीएसटी का संग्रह 10 फीसदी बढ़ा
वित मंत्री ने कहा कि एक लंबे समय के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत में अच्छा सुधार देखने को मिल रहा है। यह देश के लिए शुभ संकेत है। आगे उन्होंने बताया की, कंपनियों के कारोबार की गति का संकेत देने वाला कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) अक्तूबर में बढ़कर 58.9 रहा, जो इससे पिछले महीने में 54.6 था। सीतारमण ने कहा कि अक्तूबर के दौरान ऊर्जा खपत में 12 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह 10 फीसदी बढ़कर 1.05 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।
कोरोना के कारण अर्थव्यवस्था में आई भारी गिरावट
वित मंत्री ने आंकड़ा जारी करते हुए बताया कि, खनन और बिजली क्षेत्र के उत्पादन में क्रमश: 1.4 फीसदी और 4.9 फीसदी की वृद्धि हुई। आईआईपी के पिछले साल सितंबर के आंकड़े की अगर बात करें तो इसमें 4.6 फीसदी की गिरावट आई थी। औद्योगिक उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.2 फीसदी की वृद्धि हुई थी। उसके बाद वैश्विक महामारी कोरोना और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण मार्च में 18.7 फीसदी, अप्रैल में 57.3 फीसदी, मई में 33.4 फीसदी, जून में 16.6 फीसदी और जुलाई में 10.8 फीसदी की गिरावट रही। संशोधित आंकड़े में अगस्त में औद्योगिक उत्पादन में 7.4 फीसदी की गिरावट रही।
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