सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी बयान में कहा गया कि डिजिटल मीडिया को भी सरकारी सुविधाओं को देने का विचार किया जा रहा है। डिजिटल मीडियाकर्मियों को प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारों की तरह भारत सरकार से मान्यता, चिकित्सा व अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।
केंद्र सरकार ने कहा कि वह डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म के पत्रकारों, फोटोग्राफरों और वीडियोग्राफरों को पीआईबी मान्यता जैसे लाभ देने पर विचार करेगी। साथ ही सरकार ने यह भी कहा है कि वह इन पत्रकारों, फोटोग्राफरों, वीडियोग्राफरों को आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन में भागीदार की पहुंच देने पर भी गौर करेगी। सरकार ने डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म से अपने हितों को आगे बढ़ाने और सरकार के साथ संवाद के लिए स्वय नियमन संस्थाओं का गठन करने को कहा है। केंद्र सरकार ने यह भी कहा कि सरकार के डिजिटल विज्ञापन भी संचार ब्यूरो के माध्यम से इन्हें दिए जाएंगे।
सरकार ने कहा कि वर्तमान में जो लाभ पारम्परिक मीडिया के लोगों (प्रिंट व टीवी) को दिया जा रहा है वो सभी लाभ न्यूज़ वेबसाइटों के पत्रकारों और डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को दिए जाएगें। डिजिटल में पत्रकारों को भी सीजीएचएस लाभ, रियायती रेल किराया आदि सुविधाएं भी दी जाएंगी।
अधिकतम 26 फीसदी एफडीआई की होगी इजाजत
केंद्र सरकार ने डिजिटल न्यूज मीडिया में एफडीआई की अपनी नीति को भी स्पष्ट कर दिया। कहा गया है कि किसी भी डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म को अधिकतम 26 फीसदी एफडीआई लेने की ही अनुमति मिलेगी और इन प्लेटफार्म की कंपनियों भारत में ही पंजीकृत होनी चाहिए।