कृषि आंदोलन के समर्थन में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की भूमिका को बदनाम करने में कनाडा की स्थित पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन संगठन की भूमिका सामने आई है। द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार उन्हें सिक्योरिटी के कुछ सूत्रों से यह खबर मिली है। इस ट्वीट का कनाडा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा पूरी तरह से समर्थन किया गया था। डी प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का मानना है कि स्काइरॉकेट जो एक पीआर फर्म है और जिसका डायरेक्टर एक खालिस्तानी एम ओ धालीवाल है। उसके द्वारा पॉप स्टार रिहाना को 2.5 मिलियन डॉलर अर्थात 18 करोड रुपए से ज्यादा का भुगतान किया गया है।
रिहाना तथा मियां खलीफा जैसे लोगों ने जब भारत को बदनाम करने की कोशिश की, तब भारत के बहुत सारे लोगों ने उस बदनामी में उनका साथ दिया लेकिन बहुत सारे लोग देश के समर्थन में खड़े हुए और इन बाहरी ताकतों को मुंह तोड़ जवाब दिया। सचिन तेंदुलकर से लेकर लता मंगेशकर और विराट कोहली से लेकर अक्षय कुमार तक ने भी भारत सरकार तथा भारत का समर्थन किया था। गणतंत्र दिवस पर जब दिल्ली में हिंसा हुई थी तब भी यह माना जा रहा था कि इस पूरी हिंसा में कहीं ना कहीं ख़ालिस्तानी संगठनों का हाथ है। क्योंकि कुछ समय पहले ही एक ख़ालिस्तानी संगठन के द्वारा यह ऐलान किया गया था कि जो भी लाल किले पर उनके झंडे को पैर आएगा उसे 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनाम दिया जाएगा।
इस पूरे मामले के बाद जब सचिन तेंदुलकर ने भारत का साथ दिया तो हमारे देश के कुछ लोग भारत रत्न सचिन तेंदुलकर के खिलाफ भी उतर आए। राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि मैं पहले ही कह रहा था कि सचिन तेंदुलकर को भारत रत्न नहीं देना चाहिए। इस प्रकार की बातें करके हमारे देश के कुछ तथाकथित नेता विश्व स्तर पर वैश्विक शक्तियों को मजबूत करना चाहते हैं और भारत को शर्मसार करना चाहते हैं। उसके बावजूद भी अपने इस कारनामे के लिए वे लोग भारत के लोगों से वोट मांगते हैं, और जब चुनावों में हार जाते हैं तो आरोप ईवीएम पर लगा दिया जाता है।