गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली और लाल किले में हुई हिंसा के बाद पुलिस एक्शन में आ गई है और आज दिल्ली पुलिस ने किसानों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है, जिसके अनुसार जिन नेताओं के खिलाफ भी दिल्ली के किसी भी थाने में कोई शिकायत दर्ज है। उन्हें अपना पासपोर्ट और सभी जरूरी दस्तावेज पुलिस के सामने जमा कराना होगा और यह करना जरूरी है, नहीं तो पुलिस आगे जाकर उन पर कोई कड़ा एक्शन ले सकती है। खबरों के अनुसार किसान नेता राकेश टिकैत समेत योगेंद्र यादव अलावा डॉक्टर दर्शन पाल, सतनाम पन्नू, जोगिंदर सिंह, बलवीर सिंह राजेवाल, राकेश टिकैत, सरवन सिंह, हरपाल सांगा, भोग सिंह मनसा, जोगिंदर सिंह, वीएम सिंह, मुकेश चंद्र, ऋषि पाल अंबावत, प्रेम सिंह गहलोत, कृपाल सिंह नाटूवाला, जोगिंदर सिंह, सुरजीत सिंह फूल, प्रेम सिंह गहलोत, सुखपाल सिंह डाफर, बूटा सिंह, बलदेव सिंह सिरसा के खिलाफ दिल्ली के अलग-अलग थानों में शिकायत दर्ज कराई गई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में हुई हिंसा के बाद केन्द्र गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आला अधिकारियों के साथ मिलकर एक मीटिंग की थी, जिसके बाद गृहमंत्री ने सभी अधिकारियों को आदेश दिया कि जिन लोगों ने भी गणतंत्र दिवस के दिन दिल्ली में उत्पात मचाया था, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए और अपराधियों को इस मामले में बख्शा नहीं जाएगा। वही आज गृहमंत्री उन पुलिस अधिकारियों से भी मिले जिन्हें दंगा फसाद में काफी क्षति पहुंची थी। बता दे राकेश टिकैत समेत अन्य 36 नेताओ के ऊपर दंगा, आपराधिक षड्यंत्र, हत्या का प्रयास सहित राष्ट्रदरोहर को क्षति पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया है।
हम आपको बता दें गणतंत्र दिवस के दिन किसानों ने लाल किले के अंदर जबरदस्ती पुलिस अधिकारियों को नुकसान पहुंचाकर दाखिल हुए थे, और लाल किले के प्राचीर पर धर्म विशेष का झंडा फहराया था, जिसकी वजह से 394 पुलिस वाले बुरी तरीके से घायल हो गए। वही किसान नेता बार-बार इस पूरे मामले में अपने आप को बेकसूर बता रहे हैं, लेकिन कुछ ऐसे किसान संगठन भी हैं, जिन्होंने गणतंत्र दिवस में हुए हिंसा के बाद अपने पांव कृषि बिल कानून आंदोलन से पीछे खींच लिए है।