विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानियों में दिल्ली का नाम शामिल होता है। अपनी ऊँची ऊँची इमरतों और चमचमाती हुई सड़कों के अलाबा प्रदूषण भी अब राजधानी की पहचान बन गया है। देश की राजधानी दिल्ली में पिछले साल अप्रैल की तुलना में इस साल अप्रैल में नाइट्रोजन ऑक्साइड (एनओ2) की मात्रा 125 फीसदी तक बढ़ गई। सेटेलाइट डाटा विश्लेषण के आधार पर ग्रीनपीस इंडिया ने यह निष्कर्ष निकाले गए हैं। संस्था के अनुसार दिल्ली समेत आठ शहरों में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा में तेज वृद्धि देखी गई है।
पिछले साल संक्रमण विस्तार के कारण राजधानी के सभी उद्योग बंद हो गए थे। इसके चलते तमाम परिवहन के साधन और यातायात वाहनों के आवागमन पर भी रोक लग गयी थी। जिसकी वज़ह से दिल्ली के मौसम में अच्छा बदलाव देखा गया था। दिल्ली समेत देश के तमाम हिस्सों में इस परिवर्तन को महसूस किया जा रहा था। लेकिन लॉकडाउन खुलने के साथ और दैनिक प्रक्रियायों के शुरू होते ही प्रदूषण में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है। ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल 2020 की तुलना में अप्रैल 2021 में दिल्ली में नाइट्रोजन ऑक्साइड की मात्रा 125 फीसदी तक ज्यादा रही।
अविनाश चंचल, वरिष्ठ क्लाईमेट कैंपेनर, ग्रीनपीस इंडिया का कहना है कि नाइट्रोजन ऑक्साइड की रोकथाम के लिए तत्काल कदम उठाए जाने की जरूरत है। खासतौर पर सार्वजनिक परिवहन और स्वच्छ ईंधन को बढ़ावा देकर वातावरण में इनकी मात्रा कम की जा सकती है। इसलिए सभी संस्थाओं को इस दिशा में तेजी से काम करने की जरूरत है।
इन शहरों में बढ़ा प्रदूषण
मुंबई
बेंगलुरू
हैदराबाद
चेन्नई
कोलकाता
जयपुर
लखनऊ