देवी-देवताओं की तस्वीरों और कुंडली के साथ गंगा में मिली बेटी, बचाने वाले मल्लाह को सरकार देगी आवास

गाजीपुर में गंगा नदी के बीच एक एक लकड़ी के बक्से में एक बच्ची बहती हुई मिली है। जिसे बचाने वाले मल्लाह को सरकारी आवास सरकार की ओर से दिया जाएगा। वहीं उस बच्ची का सारा खर्चा सरकार उठाएगी।

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कहा जाता है कि जहां पर स्त्रियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं। बदलते हुए समय में अब स्त्रियों तथा बेटियों की दशा सुधर दी हुई नजर आ रही है। बहुत सारे लोग इस बदलते हुए समय में अब बेटियों के जन्म को एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। लेकिन अभी भी कुछ क्षेत्रों में बेटियों का जन्म विषाद का विषय है। हिंदुस्तान में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार गाजीपुर में गंगा नदी में एक बहते हुए लकड़ी के बक्से में एक बच्ची मिली है। इस बच्ची का सारा खर्चा सरकार उठाने वाली है और इस बच्ची को बचाने वाले मल्लाह को सरकार की ओर से आवास दिया जाएगा। बक्‍से के अंदर चुनरी में लिपटी बच्ची के साथ देवी-देवताओं की तस्वीर और जन्मकुंडली भी मिली है। फिलहाल बच्ची को आशा ज्योति केंद्र में रखा गया है। मामले में राज्य बाल संरक्षण आयोग ने भी संज्ञान लिया है और जांच की बात कही है। बच्ची के बारे में पता चलने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि नवजात कन्या का पालन पोषण और पूरा खर्चा राज्य सरकार उठाएगी।

सीएम योगी ने मां गंगा की गोद में मिली 21 दिन की मासूम के पालन पोषण की जिम्मेदारी अधिकारियों को दी है। उन्होंने कहा कि नवजात का पालन चिल्ड्रेन होम में सरकारी खर्चे पर अच्छे से किया जाए। जिलाधिकारी समेत संबंधित विभाग पूरी सहायता करें। सीएम ने नवजात को बचाने वाले नाविक को तत्काल सरकारी आवास समेत सभी सरकारी सहायता देने के भी निर्देश दिए हैं। बॉक्स में गंगा में बहती मिली नवजात पूरी तरह स्वस्थ है। उसके परिजन बच्ची को पालना चाहते थे, लेकिन पुलिस टीम ने बच्ची को आशा ज्योति केंद्र में हवाले किया गया है। यहां पर अब उस मासूम का पालन पोषण हो रहा है। सीएम के आदेश के बाद जिला महिला अस्पताल में नवजात का हाल जानने डीएम एमपी सिंह और प्रोबेशन अधिकारी अनिल सोनकर भी पहुंचे।

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