दूसरे धर्म में गए दलितों को नहीं मिलेगा आरक्षण का लाभ: सुशील मोदी (राज्यसभा सांसद)

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दलितों के आरक्षण पर बड़ा बयान दिया है। सुशील का कहना है कि जो दलित धर्म छोड़कर दूसरे धर्म के पास जा चुके हैं उन्हें अब दलितों का आरक्षण नहीं मिलेगा। दूसरी पार्टियां चाहती है कि उन्हें आरक्षण का लाभ दिया जाए जबकि हमारी पार्टी ऐसा नहीं चाहती।

0
342

भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद तथा बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दलितों के आरक्षण पर एक बड़ा बयान दिया है। लगातार यह देखा गया है कि बहुत सारे दलित अपने धर्म को छोड़कर दूसरे धर्मों का दामन थाम लेते हैं लेकिन उसके बाद भी पार्टी आई है चाहती हैं कि उन्हें दलितों का आरक्षण मिले जबकि वे दूसरे धर्म में जाने के पश्चात उस आरक्षण का लाभ उठाते हैं। आरक्षण पर बड़ा बयान देते हुए भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है, “कांग्रेस, राजद जैसे कुछ विपक्षी दल साजिशन ईसाई व मुस्लिम धर्म में धर्मान्तरित दलितों के लिए भी आरक्षण की मांग करते हैं। मगर संविधान में हिंदू, सिख व बौद्ध धर्मावलम्बी दलितों के लिए ही आरक्षण का प्रावधान है। ऐसे में भाजपा मुस्लिम व ईसाई धर्म को अपनाने वाले दलितों के लिए किसी भी कीमत पर आरक्षण के पक्ष में नहीं है।”

भाजपा ने दलितों को बनाया सामर्थ्यवान : सुशील मोदी

शुक्रवार को भाजपा महादलित प्रकोष्ठ की ओर से प्रदेश कार्यालय के अटल सभागार में आयोजित संत शिरोमणि रविदास की 644 वीं जयंती पर आयोजित समारोह में सांसद ने कहा कि भाजपा एसएसी, एसटी की नौकरियों के आरक्षण में क्रीमीलेयर के पक्ष में नहीं है।इसलिए मोदी सरकार ने न केवल इसका पुरजोर विरोध किया है, बल्कि इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में 7 जजों की बेंच में भेजने की मांग की है। इसी प्रकार जब सुप्रीम कोर्ट ने एससी, एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के कुछ प्रावधानों को हटाया तो नमो सरकार ने संविधान में संशोधन कर न केवल उसे पुनस्थार्पित किया बल्कि 23 नई धाराओं को जोड़ कर उसे और भी कठोर बनाया। एनडीए सरकार ने एससी समुदाय से 9,500 विकास मित्र, 4,842 ममता, 19,232 टोला सेवकों की नियुक्ति की।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here