सिर्फ 50 रुपये के मामले में 47 साल बाद हुई थी जेल, कोरोना ने दिलाई पैरोल

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राजस्थान हाईकोर्ट ने जयपुर सेन्ट्रल जेल में बंद एक 87 वर्षीय बुजुर्ग को पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिये हैं। बुजुर्ग सागरमल जैन को 47 साल पहले कोयला व्यापारी से पचास रुपए की रिश्वत लेने के मामले में एक साल की सजा सुनायी गयी थी। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नही मिलने पर फरवरी में जयपुर की एक अदालत में जैन को सरेण्डर करना पड़ा था। जिसके बाद अदालत ने 87 वर्षीय बुजुर्ग को जेल भेज दिया था। कोरोना के चलते हाईकोर्ट ने सीनियर सिटीजन होने के चलते सागरमल जैन की पैरोल याचिका को अतिआवश्यक मानते हुए सुनवाई की।

सुनवाई के बाद जस्टिस एस पी शर्मा ने एक लाख रुपए का मुचलका पेश करने पर पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिया। याचिका में कहा गया कि वह 87 साल का बुजुर्ग व्यक्ति है और उसे कई तरह की गंभीर बीमारियां भी हैं। ऐसे में उसकी उम्र और चिकित्सीय हालत को देखते हुए पैरोल पर रिहा किया जाए। सुनवाई के दौरान सरकारी वकील की ओर से जैन के पक्ष में दलीले दी गयीं। जिसके बाद हाईकोर्ट ने जैन को एक माह की पैरोल पर रिहा करने के आदेश दिए हैं।

एसीबी ने 18 अगस्त 1973 को कॉमर्शियल टैक्स विभाग के तत्कालीन कनिष्ठ लिपिक सागरमल जैन को कोयला व्यापारी से पचास रुपए की रिश्वत लेने के मामले में गिरफ्तार किया था। एसीबी कोर्ट ने उसे 24 मार्च 1986 को एक साल की सजा सुनाई थी। अपील के प्रावधान के चलते अभियुक्त को उसी समय जमानत मिल गई थी। वहीं हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी 4 जनवरी 2018 को अभियुक्त की एसएलपी खारिज कर दी थी। मामले में गत फरवरी माह में उसे एक साल की सजा काटने जेल भेजा गया था।

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