मंदी के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और तगड़ा झटका लगा है। देश का (Consumer Confidence Index) कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) 5 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। आर्थिक मंदी को रोकने में नाकाम साबित रहने वाली मोदी सरकार की मुश्किल और बढ़ गयी है।
दरअसल कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स में गिरावट का मतलब ये हुआ कि देश की इकोनॉमी को लेकर लोगों का भरोसा कम हुआ है और लोग खरीदारी करने से पीछे हट रहे हैं। देश की अर्थव्यवस्था के लिए यह चिंता की बात है। किसी भी देश का कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स जितना मजबूत होता है, अर्थव्यवस्था के लिहाज से वो देश उतना ही मजबूत माना जाता है। इस इंडेक्स में मजबूती तभी मिलती है जब ग्राहक सर्विस और गुड्स की जमकर खरीदारी करते हैं। जाहिर सी बात है, इससे अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलती है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, नवंबर महीने में कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (Consumer Confidence Index) गिरकर 85.7 अंक पर पहुंच गया। जो कि साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। बीते सितंबर महीने में कन्ज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स 89.4 पर था. इस लिहाज से सिर्फ दो महीने में 3.7 अंक की गिरावट है।
यहाँ पर आपको बता दें कि चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर यानी जीडीपी ग्रोथ 6 साल के निचले स्तर पर आ गई है। अब जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा 4.5 फीसदी पर पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ की दर 5 फीसदी पर थी। इस हिसाब से सिर्फ 3 महीने के भीतर जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है।