प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपने सभी एजेंटों पर काम कर रही है। राम मंदिर से लेकर, तीन तलाक और अनुच्छेद 370 को जम्मू कश्मीर से हटा देना भाजपा के लक्ष्य में शामिल था। भारतीय जनता पार्टी की केवल दो लक्ष्य अभी बाकी दिखाई देते हैं जिसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून और समान नागरिक संहिता का जिक्र होता है। वर्तमान समय में ऐसी खबरों को बल मिल रहा है कि आगामी मानसून सेशन में जनसंख्या नियंत्रण कानून तथा समान नागरिक संहिता कानून लाया जा सकता है। लोकसभा में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के प्रतिनिधि रवि किशन और राजस्थान से राज्यसभा के सदस्य किरोड़ी लाल मीणा 19 जुलाई से आरंभ हो रहे संसद सत्र के पहले सप्ताह में जनसंख्या नियंत्रण और समान नागरिक संहिता पर गैर सरकारी विधेयक प्रस्तुत करेंगे।
हम आपको बता दें कि संसद के किसी भी सदन का सदस्य जोकि मंत्रिपरिषद का सदस्य नहीं है, वह गैर सरकारी विधेयक पेश कर सकता है। बगैर सरकार के समर्थन के ऐसे विधेयकों के पारित होने की संभावना बहुत कम होती है। और राज्यसभा सचिवालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक रवि किशन और मीणा को अपने विधेयकों को पेश करने के लिए 24 जुलाई को मौका मिल सकता हैं। जनसंख्या नियंत्रण पर इसी प्रकार का एक विधेयक पेश करने के लिए भाजपा के राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा ने भी नोटिस दिया है। प्रस्तावित विधेयक में यह कहा जा रहा है कि दो से अधिक बच्चों वाले लोगों से सरकारी सुविधाएं छीन ली जाए तथा सरकारी नौकरियों से भी उन्हें वंचित कर दिया जाए।
विधेयक के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने बताया कि जनसंख्या में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और यह खतरे की घंटी है। इसके नियंत्रण के लिए एक केंद्रीय कानून की बहुत आवश्यकता है। यह विधेयक लोकसभा तथा राज्यसभा में तब प्रस्तुत किया जा रहा है ज़ब देश क़ी सर्वाधिक जनसंख्या वाले प्रदेश यूपी में नई जनसंख्या नीति का ऐलान कर दिया गया है। इस जनसंख्या नीति के अनुसार 2 से अधिक बच्चे वाले लोगों को सरकारी नौकरियों से वंचित किया जाएगा। वहीं कई तरह की सुविधाएं भी उन्हें नहीं दी जाएगी।