कोरोना वायरस की वजह से सरकार ने सभी निजी स्कूल बंद करने के आदेश दिए थे। इसी दौरान छत्तीसगढ़ के कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी जय प्रकाश मौर्य ने कोविड-19 के संक्रमण एवं लॉकडाउन के दौरान लोगों की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में फीस बढ़ोतरी के संबंध में आदेश जारी कर सख्ती से पालन सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी शिक्षाधिकारियों को दी है। उन्होंने कहा की लॉकडाउन के कारण अनेक लोग बेरोजगार हो रहे हैं। उनके पास अपने बच्चों की स्कूल फीस का भुगतान करने के लिए पैसा नहीं है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों की फीस जमा करने में असमर्थ है । साथ में यह भी कहा कि वर्ष 2020-21 के शैक्षिक सत्र में फीस वृद्धि पर रोक रहेगी तथा स्कूल फीस जमा करने की अंतिम तारीख या नए प्रवेश की तिथि निर्धारित नहीं करेगा। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी द्वारा पारित आदेश में यह भी उल्लेख है कि कोई भी स्कूल अपने स्टाफ को तब तक नही निकलेगा जब तक बहुत आवश्यक न हो।
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किसी भी कर्मचारी की छंटनी से पहले कलेक्टर द्वारा गठित समिति के समक्ष रखा जाएगा। समिति में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी तथा कलेक्टर द्वारा नामित सदस्य शामिल रहेंगे और कोई भी स्कूल प्रबंधन स्कूल के बच्चों के लिए मास्क का कलर निर्धारित नहीं करेगा। विद्यार्थी अपनी पसंद से मास्क पहन सकेंगे। यदि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चे यदि मौजूदा हालात में फीस नहीं दे सकते हैं तो निजी स्कूल प्रबंधन उन छात्र को स्कूल से नहीं निकालेगा। जो माता-पिता स्वेच्छा से स्कूल फीस का भुगतान करना चाहते हैं, वे फीस का भुगतान कर सकते हैं। देरी से फीस जमा कराने पर स्कूल अतिरिक्त शुल्क नहीं लेगा।अगर किसी विद्यालय द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो उसके खिलाफ अलग से आदेश जारी किया जाएगा।