सिंधु बोर्डर पर किसानों और स्थानीय प्रदर्शनकारियों में हुई झड़प, पुलिस ने लाठीचार्ज कर बॉर्डर किया खाली

गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसा के बाद वहां के स्थानीय लोगों ने किसान संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वो किसान संगठन को वहां से बार-बार हटने के लिए बोल भी रहे थे, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए थे, जिसके बाद आज सुबह से ही स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने किसानों को वहां से खदेड़ना शुरू कर दिया।

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कृषि बिल कानून के खिलाफ पिछले 2 महीने से किसान संगठन दिल्ली से सटे हुए सभी बॉर्डर पर तैनात थे और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे। इन सभी बोर्डरो में गाजीपुर बॉर्डर और सिंधु बॉर्डर काफी महत्वपूर्ण था, लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन हुए हिंसा के बाद वहां के स्थानीय लोगों ने किसान संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। वो किसान संगठन को वहां से बार-बार हटने के लिए बोल भी रहे थे, लेकिन किसान अपनी जिद पर अड़े हुए थे, जिसके बाद आज सुबह से ही स्थानीय प्रदर्शनकारियों ने किसानों को वहां से खदेड़ना शुरू कर दिया और दोनों गुटों के बीच में काफी मारपीट भी हुई है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुबह से ही हो रही इस घटना के बाद वहां मौजूद पुलिस जवानों ने दोनों गुटों के प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया और उन्हें शांत कराने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन स्थानीय प्रदर्शनकारी रुके नहीं वह बार-बार एक ही नारा लगा रहे थे, “तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान हमारा जगह खाली करो”। दरअसल गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले में धर्म विशेष का झंडा फहराया गया था और राष्ट्र ध्वज तिरंगे का अपमान किया गया था, जिसके बाद दिल्ली के सभी बॉर्डर पर ग्रामीण लोगों ने किसानों से पहले गुजारिश करते हुए कहा कि वह शांति से बॉर्डर खाली कर दें, लेकिन जब किसान संगठन नहीं माने तो वह बल प्रयोग करने पर आबू हो गए और उन्होंने सुबह से ही किसानों को वहां से खदेड़ ना शुरू कर दिया।

पुलिस पूरे मामले को संभाल रही थी, लेकिन लाठीचार्ज के कारण कुछ जवान भी घायल हो गए हैं। वहीं दूसरी ओर अब पुलिस ने इस पूरे मामले को काबू करते हुए सिंधु बॉर्डर से किसान संगठन सहित वहां के स्थानीय प्रदर्शनकारियों को भी हटा दिया है। बता दे 50 गांव ऐसे हैं जिन्होंने दिल्ली गवर्नमेंट से सिफारिश की है कि वह जल्द से जल्द किसानों को उनके ग्रामीण इलाकों से हटाए नहीं तो वह खुद इस पर कुछ करेंगे।

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