पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जिस पुल को लेकर चीन पिछले कुछ दिनों से भारतीय सेना के साथ जंग की कोशिश कर रहा था, भारत ने उस पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। ये वही पुल है जिसके निर्माण कार्य को लेकर चीन पिछले कुछ दिनों से सीमा पर भारत के साथ खूनी संघर्ष कर रहा था। गलवान नदी पर बने इस पुल ने पूर्वी लद्दाख के संवेदनशील सेक्टर में भारत की स्थिति को और भी ज्यादा मजबूत कर दिया है। साथ ही अब भारत को नदी के आर पार जाने में सहायता मिलेगी जिसके चलते जवान 255 किलोमीटर लंबे स्ट्रैटेजिक DBO की रक्षा आसानी से कर पाएंगे।
बता दें कि यह सड़क दरबुक से दौलत बेग ओल्डी में भारत के आखिरी पोस्ट तक जाती है। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक सेना के हवाले से खबर मिली है कि चीन इस पुल की वजह से ही बौखलाया हुआ था। जिसे भारत ने पूरा कर दिया है। दरअसल चीन इस पुल को बनने नहीं देना चाहता था। क्योंकि LAC पर मई में उसके बड़ी संख्या में सैनिकों के आने की वजह इस पुल को भी बताया जाता है।
चीन इस बात को अच्छी तरह से जनता था कि अगर भारत इस पुल का निर्माण कार्य कर पाने में कामयाब रहा तो इससे सेक्टर में उसकी स्थिति पहले से भी और ज्यादा मजबूत हो सकती है। वहीं अगर इस पुल की बात करें तो यह पेट्रोलिंग पॉइंट 14 से 2 किलोमीटर पूर्व की ओर बना हुआ है। ये वहीं पेट्रोलिंग पॉइंट 14 है जहां भारत और चीन के बीच झड़प हुई थी। बताया जा रहा है कि भारतीय सेना ने चीन के साथ हुई झड़प के बाद भी इस पुल के निर्माण कार्य पर रोक नहीं लगाई थी। जिसके चलते गुरुवार रात तक इस पुल का काम पूरा कर लिया गया।