सरकारी अफसरों और पुलिस अधिकारियों के रवैया पर चीफ जस्टिस ने जताई नाराजगी, कहा- जो अवैध पैसे कमाएं उन्हें जेल होनी चाहिए

CJI रमण ने नौकरशाही विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों के बर्ताव पर नाराजगी जताई है। उन्होंने ये भी कहा कि नौकरशाही-पुलिस अफसर के गठजोड़ का चलन देश के लिए सही नहीं है।

0
431

देश की नौकरशाही और पुलिस अधिकारियों के व्यवहार से भारत के मुख्य न्यायधीश एनवी रमण काफ़ी नाराज नजर आ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई के दौरान उनकी यह नाराजगी सबके सामने आ गयी। चीफ जस्टिस रमण ने कहा कि उन्हें नौकरशाहों और खासकर पुलिस अधिकारियों के व्यवहार पर बेहद आपत्ति है। उन्होंने ये संकेत भी दिया कि वे नौकरशाहों और पुलिस अधिकारियों की शिकायतों के संबंध में एक कमेटी बनाना चाहते हैं, लेकिन वे अभी यह काम नहीं कर रहे हैं। चीफ जस्टिस ने ये टिप्पणी उस समय की, जब उनकी अगुवाई में जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस हिमा कोहली की मौजूदगी वाली पीठ छत्तीसगढ़ के निलंबित अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सिंह ने याचिका में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों में सुरक्षा की मांग की थी।

सीजेआई रमण ने कहा, मुझे इस बात पर बहुत आपत्ति है कि नौकरशाही विशेष रूप से पुलिस अधिकारी कैसे व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं एक बार नौकरशाहों, विशेष रूप से पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों की जांच के लिए एक स्थायी समिति बनाने के बारे में विचार कर रहा था। लेकिन मैं इसे सुरक्षित रखना चाहता हूं, अभी मैं ऐसा नहीं करना चाहता। सीजेआई ने पुलिस अधिकारियों में सत्ताधारी पार्टी के साथ दिखने के नए चलन पर भी अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा, देश में स्थिति दुखद है.. जब कोई राजनीतिक दल सत्ता में होता है तो पुलिस अधिकारी एक विशेष दल के साथ होते हैं। फिर जब कोई नई पार्टी सत्ता में आती है तो सरकार उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करती है। यह एक नया चलन है, जिसे रोकने की जरूरत है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here