दिल्ली में किसानों का आंदोलन चल रहा है और इसी पर गुरु नानक देव की 551 वी जयंती के मौके पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान दिया था। उन्होंने अपने इस बयान में कहा था, “भारत से किसानों के प्रदर्शनों की खबर आ रही है। स्थिति चितांजनक बनी हुई है और हम सब परिवारों और दोस्तों को लेकर चिंतित हैं। मैं जानता हूं कि यह आप में से कई के लिए सच्चाई होगी। मैं याद दिला दूं कि कनाडा हमेशा शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकार की रक्षा के लिए खड़ा होगा।”
इस बयान पर भारत ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, “हमने भारतीय किसानों से संबंधित कनाडा के नेताओं की टिप्पणियां देखी जो कि गलत सूचनाओं पर आधारित हैं। इस तरह की टिप्पणियां बेवजह और बेकार हैं। खासकर जब ये एक लोकतांत्रिक देश का आंतरिक मामला हो। अच्छा यही होगा कि कूटनीतिक तरह की बातचीत को राजनीतिक मकसद के लिए गलत तरीके से पेश किया जाए।”
कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो के इस बयान पर भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता राम माधव ने कहा, ” उनकी हैसियत क्या है?क्या यह भारत के संप्रभु मामलों में हस्तक्षेप करने जैसा नहीं है? ” वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस छोड़कर शिवसेना में शामिल हुई राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने इस मामले पर कहा,” प्रिय जस्टिन ट्रूडो,आपकी चिंताओं से बहुत प्रभावित हूं। लेकिन भारत का आंतरिक मामला किसी दूसरे देश की राजनीति का चारा नहीं बन सकता। कृपया दूसरे देशों के प्रति शिष्टाचार की भावना का सम्मान करें!”
Dear @JustinTrudeau ,touched by your concern but India’s internal issue is not fodder for another nation’s politics.Pls respect the courtesies that we always extend to other nations.
Request PM @narendramodi ji to resolve this impasse before other countries find it okay to opine.— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) December 1, 2020
What is his locus standi? Isn’t it tantamount to interference in India’s sovereign matters? https://t.co/H2KktkW4PC
— Ram Madhav (@rammadhavbjp) December 1, 2020