पूरे भारत में भगवान राम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्रित करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए सभी संगठन राम मंदिर के लिए चंदा एकत्रित करने के प्रयास में लग चुके हैं। इसी बीच सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है,क्या किसी अन्य धर्म के व्यक्ति को प्रमुख रूप से मुस्लिम व्यक्ति को भगवान राम के मंदिर में चंदा देने का अधिकार है? यही सवाल जब विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार से पूछा गया तब उन्होंने जवाब दिया, “जो भगवान राम को अवतार मानते हैं और इमाम ए हिंद मानते हैं, उन सभी का स्वागत है। अगर मुसलमान भाई भी इस कार्य में सहयोग देना चाहते हैं तो उन सभी का स्वागत है।”
सोमनाथ मंदिर के निर्माण के समय महात्मा गांधी ने कहा था कि मंदिर के लिए ट्रस्ट बनाया जाए लेकिन मंदिर के लिए पैसा सरकारी खजाने से ना लिया जाए। श्री राम जन्म भूमि मंदिर भी किसी सरकार के द्वारा दिए गए पैसे को स्वीकार नहीं करेगा। पहले सोचा गया था कि 4 लाख गांव में जायेंगे।पूरे देश में बातचीत के बाद हम कह सकते हैं, भारत के 6 लाख गावों में से सवा 5 लाख गांवो में धन अर्जित करने का काम किया जायेगा। हमने 11 करोड़ परिवारों से धन अर्जित करने का सोचा था लेकिन अब यह माना जा रहा है कि हम 13 करोड़ लोगों से राम मंदिर के लिए चंदा लेंगे। एक परिवार के 5 औसत सदस्यों के द्वारा जो मंदिर बनेगा उसमें 65 करोड़ जनता का आर्थिक भाग होगा।