किसान आंदोलन में शामिल कोई भी किसान नेता खालिस्तान मुर्दाबाद का नारा नहीं लगा सकता। भारतीय किसान यूनियन के नेता गुणी प्रकाश ने भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) को सप्ताह भर पहले यह चैलेंज कर चुके हैं कि गुरनाम चढ़ूनी- भिंडरावाला मुर्दाबाद, खालिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाकर दिखाएं। लेकिन चढ़ूनी उसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं। किसान नेता की एचपी बताती है कि उनके लिए खालिस्तान मुर्दाबाद का नारा लगाना असंभव है। और केवल उनके लिए ही नहीं अपितु इस पूरे आंदोलन में जितने भी बड़े चेहरे हैं उन सभी के लिए खालिस्तान मुर्दाबाद बोलना बहुत कठिन है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि इस आंदोलन में ख़ालिस्तान मूवमेंट से संबंध रखने वाले और वास्तव में खालिस्तान की मांग करने वाले बहुत सारे लोग शामिल हैं। यह बात भी सबके सामने है किसान आंदोलन में विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थकों के द्वारा फंडिंग भी की गई है। विदेशों में भारत सरकार के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों में ख़ालिस्तान समर्थकों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया है। ऐसे में भले ही राष्ट्रहित में राष्ट्र की एकता को सामने रखना जरूरी है लेकिन दूसरी तरफ यदि कुछ लोगों को किसानों का नेता बनना है तो इन नेताओं को खालिस्तान मुर्दाबाद नहीं कहना होगा।
गुरनाम चढ़ूनी और योगेंद्र यादव भले ही हरियाणा के रहने वाले हैं लेकिन उसके बावजूद भी हरियाणा के किसानों ने अपना नेता नहीं मानते। गुणीप्रकाश का चैलेंज स्वीकार कर चढ़ूनी खालिस्तान मुर्दाबाद, भिंडरावाला मुर्दाबाद का नारा लगा दें तो निश्चित रूप से योगेंद्र और चढूंनी का राजनैतिक भविष्य खतरे में आ जाएगा।