भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम हमेशा ही अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रहते हैं। अब एक बार फिर उन्होनें एक ऐसा बयान दिया है जिसके बाद अब वे एक बार फिर सुर्खियों में आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि जब सपा की सरकार थी तो ये दंगा आजम खान, अखिलेश यादव और कांग्रेस ने मिलकर कराया था। इन तीनों की ये चाल थी क्योंकि यूपी में ये फेल हो चुके थे। इनके पास कोई रास्ता नहीं रह गया था कि ये पब्लिक के बीच में वोट मांगने जाएं। इन लोगों ने मिलकर ये दंगा कराया। जब इन लोगों ने मुझे जेल भेजा था, तब भी मैं कहता था कि जब जांच होगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। विधायक संगीत सोम ने कहा कि जो हम कहते थे वो सच साबित हुआ। हम पर फर्जी मुकदमा लगाया गया था। ये दंगा भाजपा के कार्यकर्ताओं पर थोप दिया गया था। इस मामले में सपा सरकार ने ही एसआईटी गठित की थी और एसआईटी ने इस पर एफआर लगाकर बताया कि संगीत सोम पर कोई प्रमाण नहीं मिलता। संगीत सोम ने कहा,”अखिलेश यादव मुगल शासन के आखिरी शासक थे। अब कभी नहीं बनेंगे।”
27 अगस्त, 2013 को मुजफ्फरनगर में जानसठ थानाक्षेत्र के गांव कवाल में मलिकपुरा निवासी ममेरे भाइयों सचिन और गौरव की बेरहमी से पीटकर हत्या हो गई थी। इस घटना के बाद एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में सांप्रदायिक उन्माद फैल गया था। इस मामले में भाजपा नेता संगीत सोम, शिवम कुमार तथा अज्ञात के विरुद्ध शहर कोतवाली में सांप्रदायिक उन्माद फैलाने तथा 66 आइटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। SSP के आदेश पर संगीत सोम पर दर्ज मुकदमे की जांच तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक स्वप्निल ममगई को सौंपी गई थी। इसके बाद क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर बिजेन्द्र सिंह और एसआइ सुरेन्द्र सागर ने विवेचना आगे बढाई। फिर जांच बरेली इन्वेस्टिगेशन सेल के इंस्पेक्टर अवध बिहारी को सौंपी गई थी। विवेचना में जब साक्ष्य नहीं मिले के कारण 14 अप्रैल 2017 को मुकदमे में एफआर लगा दी गई