भारतीय जनता पार्टी की संस्थापक सदस्य रहे राजमाता विजयाराजे सिंधिया एक कद्दावर नेता और सरल स्वभाव की धनी थी। पार्टी के पुराने नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी में आने पर और उन्हें राज्यसभा भेजने पर बेहद नाराज हैं लेकिन राजमाता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सम्मान में भाजपा जिस तरह के कदम उठा रही है उससे वे सभी लोग खुश हैं। आश्चर्य की बात है 53 साल पहले राजमाता ने 36 विधायकों के साथ कॉंग्रेसछोड़कर मध्य प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री डी पी मिश्रा की सरकार गिरा दी थी। ठीक उसी तरह अब उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 विधायकों के साथ कांग्रेस छोड़कर कमलनाथ को सत्ता से बेदखल कर दिया था, और शिवराज सिंह चौहान को फिर से सत्ता देदी। और वही इस समय ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया का जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है और दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में उपचुनाव होने हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को राजमाता सिंधिया के जन्मदिन पर स्मारक सिक्का जारी किया था तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्वालियर में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया था। एक्टर राजमाता का सम्मान किया गया और वहीं दूसरी तरफ उनके पोते का सम्मान खुद-ब-खुद हो गया। वे पुराने नेता जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी में आने के बाद नाराज दिखाई दे रहे हैं। वे लोग भाजपा के इस कदम से बेहद खुश हैं। क्योंकि वह सभी ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी विजय राजे सिंधिया के प्रशंसक और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखने वाले हैं। इसका सबसे बड़ा उदाहरण है 28 विधानसभा क्षेत्रों में प्रचार के लिए भाजपा ने दो हाईटेक रथ रवाना किए हैं। जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया के फोटो को जगह नहीं मिली वही राजमाता सिंधिया की फोटो को उचित सम्मान मिला है।
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