कांग्रेस पार्टी में जो भी व्यक्ति सत्य बोलता है या पार्टी के लोकतंत्र को बचाने की कोशिश करता है उसे कांग्रेस पार्टी के दो-तीन लोगों के कारण अपमान सहन करना पड़ता है या फिर पार्टी से बाहर हो जाना पड़ता है यही हाल इस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का हो चुका है पार्टी के भीतर चल रही गंदी राजनीति को सार्वजनिक मंच से बताने के कारण तथा पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की मांग करने के कारण उन्हें लगातार पार्टी के ही नेताओं के द्वारा अपमानित किया जा रहा है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी अब गुलाम नबी आजाद का पूरा सम्मान कर रही है। यह दृश्य तब दिखाई दिया जब शनिवार को मोदी सरकार के कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद पहुंचे तो उनका भव्य स्वागत किया गया। इस कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद की अगुवाई केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने की। इसके अलावा उनका स्वागत करने में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल थे।
“Mushaira” and “Kavi Sammelan” are rich cultural legacy of our country which strengthen the fabric of “Unity in Diversity”. Programmes such as “Mushaira” effectively spread the message of peace and also strengthen social harmony and brotherhood. pic.twitter.com/brmrcd4DbN
— Mukhtar Abbas Naqvi (@naqvimukhtar) February 20, 2021
जगह जगह पर गुलाम नबी आजाद के पोस्टर लगाए गए। यह कार्यक्रम वास्तव में अल्पसंख्यक मंत्रालय के द्वारा आयोजित किया गया था। गुलाम नबी आजाद से राहुल गांधी समर्थक नेता नाराज हैं इसीलिए उन्हें राज्यसभा के लिए दोबारा नहीं भेजा गया। उनके स्थान पर मल्लिकार्जुन खड़गे को राज्यसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया। राज्यसभा की विदाई के वक्त जो दृश्य राज्यसभा में दिखाई दिया था और निश्चित रूप से भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बड़ा सबक है। गुलाम नबी आजाद की विदाई पर प्रधानमंत्री मोदी का भावुक भाषण और गुलाम नबी आजाद का प्रधानमंत्री मोदी के प्रति सम्मान निश्चित रूप से भारत के लोकतंत्र को जीवित दिखाता है।