राजस्थान असेंबली में आज सोमवार को नागौर में हुए दलित उत्पीड़न मामले की गूंज रही। शून्य काल के दौरान विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने का जमकर प्रयास किया। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने पूरे घटनाक्रम की कार्यवाही में हो रही देरी को लेकर सवाल खड़े किये। वही RLP विधायक नारायण बेनीवाल और पुखराज गर्ग ने भी इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि दलितों के साथ अत्याचार पर सरकार को सोचना चाहिए।
बेनीवाल ने कहा कि घटना के बाद पुलिस ने राजीनामे का प्रयास किया। लेकिन सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई थी। बेनीवाल ने इस घटना की तुलना अलवर सामूहिक रेप कांड से करते हुए कहा कि नागौर एसपी को एपीओ करना चाहिए और पीड़ितों को मुआवजा दिलाया जाना चाहिए। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने भी सरकार की मंशा और पुलिस की कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाए।
बीजेपी विधायकों ने सरकार से असेंबली में अपना पक्ष रखने को कहा। जिसके बाद बीजेपी और आरएलपी नेताओं ने नारेबाजी करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया लेकिन थोड़ी देर बाद वापस आ गए। इसके बाद कुछ समय तक इंतजार के बाद भी सरकार की तरफ से जवाब नहीं आया तो आरएलपी विधायक वेल में धरने पर बैठ गए। लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने सभी से पूरे मामले को लेकर चेंबर में मिलने का आश्वाशन दिया और उनका धरना समाप्त करवा दिया।