देशभर में लगातार यह देखा गया कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोग स्वतंत्र रूप से कुछ भी कर रहे थे। या साधारण शब्दों में कहें तो लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रहे थे। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर किसी भी व्यक्ति के सम्मान से खिलवाड़ करना चलन बन गया था। और यह समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही थी। ऐसी समस्या को समाप्त करने के लिए भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठा दिया है। ओटीटी प्लेटफॉर्म तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए केंद्र सरकार के द्वारा कई गाइडलाइंस जारी की गई है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा, ” यदि हमें सोशल मीडिया को ठेस पहुंचाने वाली कंटेंट की शिकायत मिलती है तो आप को 24 घंटे के भीतर उस कंटेंट को हटाना होगा। वही देश की सुरक्षा से जुड़ी जानकारियों को शेयर करने पर फर्स्ट ओरिजन भी बताना होगा। ”
सोशल मीडिया की नई पॉलिसी
- दो तरह की कैटेगरी तैयार की गई है। सोशल मीडिया इंटरमीडियरी और सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडियरी।
- सबको ग्रीवांस रीड्रेसल मैकेनिज्म बनाना पड़ेगा। 24 घंटे में शिकायत दर्ज हो सकेगी और 14 दिन में निपटारा करना होगा।
- अगर यूजर्स के द्वारा किसी महिला के खिलाफ कोई टिप्पणी या कंटेंट लिखा जाता है तो शिकायत के 24 घंटे के बीच उसे हटा लिया जाएगा।
- सिग्निफिकेंड सोशल मीडिया को चीफ कम्प्लायंस ऑफिसर रखना होगा जो भारत का निवासी होना चाहिए।
- एक नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन रखना होगा जो कानूनी एजेंसियों के चौबीसों घंटे संपर्क में रहेगा।
- मंथली कम्प्लायंस रिपोर्ट जारी करना अत्यंत आवश्यक हो जाएगा।
जानिए किस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म की है कितने यूजर्स?
प्रकाश जावड़ेकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था, “ओटीटी और डिजिटल मीडिया को सूचना और प्रसारण मंत्रालय देखेगा और इंटरमीडरी प्लेटफॉर्म का संज्ञान आईटी मंत्रालय लेगा। उन्होंने कहा कि देश में 53 करोड़ वाट्सअप यूजर्स है, 44.8 करोड़ यूट्यूब, 41 करोड़ फेसबुक, 21 करोड़ इंस्टा और 1.75 करोड़ ट्विटर यूजर्स हैं।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा,”सालों से इंटरनेट मीडिया पर बड़े पैमाने पर दुर्व्यवहार को लेकर चिंता जाहिर की जा रही है। मंत्रालय ने व्यापक विचार-विमर्श किया और हमने दिसंबर 2018 में एक मसौदा तैयार किया। इसमें 2 श्रेणियां होंगी। एक इंटरमीडरी और दूसरा सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया इंटरमीडरी पर अतिरिक्त कर्तव्य है, हम जल्दी इसके लिए यूजर संख्या का नोटिफिकेशन जारी करेंगे। सिग्निफिकेंट सोशल मीडिया के कानून को हम तीन महीने में लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म को अफसरों की तैनाती करनी होगी। ये अधिकारी 24 घंटे में शिकायत का पंजीकरण करेगा और 15 दिनों में उसका निपटारा करेगा।”
Social media platforms upon being asked either by a court order or a govt authority will be required to disclose the first originator of mischievous tweet or message as the case may be: Union Electronics and Information Technology Minister Ravi Shankar Prasad (1/2) pic.twitter.com/PLIxLJdVtg
— ANI (@ANI) February 25, 2021