भोजपुरी फिल्मों के जरिए अश्लीलता देश में बहुत समय से फैलती आ रही है। भोजपुरी फिल्म और भोजपुरी गीतों में जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग होता है वह निश्चित रूप से एक सभ्य समाज के लिए अभिशाप है। इन फिल्मों और गीतों को लिखने वाले राइटर्स भी अभी तक इस बात को समझ नहीं पाए हैं। लेकिन ऐसा लग रहा है कि जल्द ही भोजपुरी साहित्य से अश्लीलता को खत्म होना होगा। अश्लीलता फैलाने वाली इन फिल्मों को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सरकारी अनुदान नहीं देगी।
भोजपुरी फिल्मो में बढती अश्लीलता को रोकने के लिए उठाया गया सख्त कदम। उत्तर प्रदेश सरकार राजू श्रीवास्तव के आग्रह पे रोकेगी ऐसी फिल्मो की सब्सिडी (अनुदान).. @myogiadityanath @UPGovt pic.twitter.com/eNIjPm3in1
— Raju Srivastava (@iRajuSrivastava) July 9, 2021
इस बारे में उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने सीएम योगी से बात की थी। राजू श्रीवास्तव, गुरुवार को लखनऊ में सीएम से उनके आवास पर मिले थे। उन्होंने सीएम को यूपी में फिल्म सिटी की स्थापना के लिए चल रही प्रक्रिया के बारे में जानकारी भी दी। इसके साथ ही उन्होंने भोजपुरी फिल्मों में अश्लीलता को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भोजपुरी भाषा में बनने वाली फिल्मों और गानों में अश्लीलता बढ़ रही है। इससे हमारी संस्कृति और समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है। इसके खिलाफ ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
राजू श्रीवास्तव की इस मांग पर सीएम योगी ने निर्देश दिया कि जो फिल्में और गाने अश्लीलता को बढ़ावा देते हैं, उन्हें सरकार की तरफ से दिए जाने वाले अनुदान पर तत्काल रोक लगा दी जाए। राजू श्रीवास्तव ने सीएम को बताया कि हाल में 62 फिल्मों की स्क्रिप्ट का परीक्षण किया गया है। उनमें से कई फिल्मों की स्क्रिप्ट पर इसलिए रोक लगा दी गई क्योंकि उसमें अश्लीलता को बढ़ावा दिया जा रहा था। उन्हीं फिल्मों को अनुदान दिया जाएगा जो सरकार के मानकों पर खरी उतरेंगी।
उत्तर प्रदेश फिल्म विकास परिषद के अध्यक्ष राजू श्रीवास्तव ने बताया कि कई बार अश्लील दृश्यों वाली फिल्में भी सेंसर बोर्ड से प्रमाण पत्र पा जाती हैं। इस वजह से तय किया गया है कि भले ही सेंसर बोर्ड का प्रमाण पत्र मिल गया हो, लेकिन यूपी सरकार से अनुदान के लिए यहां निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। इसकी निगरानी और परीक्षण के लिए सेंसर बोर्ड की तरह ही यूपी में भी स्क्रीनिंग कमेटी भी बनाई जाएगी।