उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के कादीपुर गांव निवासी ट्रक चालक केदारनाथ यादव की बेटी सिपाही अनीता मिशन शक्ति की ब्रांड एंबेसेडर बन गई हैं। प्रदेश सरकार ने यह उपाधि प्रदेश के 75 जिलों में तैनात महिला पुलिसकर्मियों में वरीयता देते हुए प्रदेश सरकार ने यह उपाधि दी है। मिशन शक्ति के लिए जो पोस्टर लगाए जा रहे हैं उसमें भी अनीता के फोटो को जगह मिली है।
माना जा रहा है कि अनीता जबसे पुलिस सेवा में कार्यरत हैं तब से उन्होनें बहतर प्रदर्शन किया है इसी के बदौलत उन्हें यह उपाधि हासिल हुई। सुल्तानपुर के कादीपुर गांव निवासी अनीता के पिता केदारनाथ यादव एक ट्रक चालक हैं, 2016 में उनकी छोटी बेटी अनीता यादव को सिपाही पद पर नियुक्ति मिली। पहली तैनाती उन्नाव के सदर कोतवाली में मिली। दो साल उन्नाव में रहने के दौरान अनीता ने कर्तव्यों का बखूबी पालन किया।
अनीता ने समाज सेवा का भी काम किया सदर कोतवाली के पास डेरा डालकर रहने वाले परिवारों के बच्चों पर अनीता अपनी कमाई का कुछ अंश खर्च किया और इस प्रकार उसने गरीब बच्चों के चेहरों पर मुस्कुराहट लाने का काम किया।
इतना ही नहीं अनीता ने अपनी सहयोगी महिला सुरक्षा कर्मियों के साथ मिलकर गरीब बच्चों को स्कूल भेजने का भी काम किया जोकि बेहद सराहनीय है। इसके साथ साथ उन्होनें बच्चों को किताबें देने का भी काम किया।
अधिकारियों ने मिशन शक्ति की होर्डिंग के लिए 140 महिला सिपाहियों के नाम की लिस्ट तैयार की। लिस्ट में सभी सिपाहियों के पूर्व की उपलब्धियां भी बताई गईं। इनमें उन्नाव कार्यकाल के दौरान असहायों की मदद और शोहदों पर कार्रवाई से चर्चित हुईं अनीता यादव को मिशन शक्ति का ब्रांड एंबेसेडर चुना गया।
अनीता के लिए यह बेहद खुशी की बात है। उन्होनें कहा कि उनके पिता से मिले संस्कारों की वजह से यह सम्भव हो पाया है।