28 साल बाद आज होगा बाबरी विध्वंस का फैसला, 49 आरोपियों में से 17 की हो चुकी है मृत्यु

1992 में हुए बाबरी विध्वंस के मामले में फैसला आज आने वाला है। विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई पहले ही पूरी हो चुकी है। अब मामले के 28 साल बाद आज सीबीआई की विशेष अदालत इस मामले पर फैसला सुनाएगी।

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32 accused in Babri demolition case acquitted, leftists and minority leaders raised confidence in court

एकतरफ भगवान श्री राम की भव्य मंदिर का निर्माण अयोध्या की पावन धरती पर शुरू हो गया है वहीं आज विवादित ढांचा गिराने के मामले में फैसला आना है 28 साल पहले 6 दिसंबर 1995 को अयोध्या के कारसेवकों ने बाबरी मस्जिद को गिरा दिया था। जिसमें प्रमुख आरोपी लालकृष्ण आडवाणी मुरली मनोहर जोशी 48 हस्तियों को माना गया इसमें से 17 की मृत्यु हो चुकी है बाकी 32 के लिए आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज के फैसले के समय लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, शिवसेना के सांसद रहे सतीश प्रधान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास मौजूद नहीं रहेंगे। इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कोर्ट में पेश होने के लिए लखनऊ पहुंच चुके हैं बीते दिनों कोरोना के कारण उनका इलाज चल रहा है।

महेंद्र नृत्य गोपाल दास की तबीयत बिगड़ चुकी है इसी कारण मैं कोर्ट में पेश नहीं हो सकेंगे। उनके उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास का कहना है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उनकी नियमित मेडिकल जांच हो रही है। यह माना जा रहा है कि यह फैसला करीब 2000 पेज का होगा। इसे सुनाने के बाद तुरंत कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा सीबीआई अभियुक्तों के वकील ने ही करीब साढे 800 पेज के लिखित बहस दाखिल की है। इसके अलावा कोर्ट के सामने 351 गवाह सीबीआई ने परीक्षित किए हैं। इसके अलावा 600 से अधिक दस्तावेज भी पेश किए गए हैं विशेष जज एसके यादव के कार्यकाल का आज अंतिम फैसला होगा। 30 सितंबर 2019 को रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाने तक उन्हें अवसर विस्तार दिया था।

दोषी पाने पर हो सकती है सजा!

कुछ लोगों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, डॉ मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार, साध्वी ऋतंभरा, राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के चेयरमैन महंत नृत्य गोपाल दास, सचिव चंपत राय बंसल सतीश प्रधान, राम विलास वेदांती एवं धर्मदास को अधिकतम 5 साल की सजा हो सकती है। इसी तरह यूपी के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, भाजपा सांसद साक्षी महाराज, अयोध्या के तत्कालीन डीएम आरएम श्रीवास्तव को दोषी पाने पर 3 साल की सजा मिल सकती है।

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