अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह में पीएम मोदी ने कहा, देश की संपति पर सबका अधिकार

आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का शताब्दी वर्ष समारोह मनाया गया है जिसमें देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया है। 56 वर्षों के बाद देश के किसी प्रधानमंत्री ने AMU के कार्यक्रम में शिरकत किया है। इसे पहले देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने हिस्सा लिया था।

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चित्र साभार: ट्विटर @BJP4India

आज अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के शताब्दी वर्ष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया। इस दौरान पीएम मोदी ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के नाम एक विशेष डाक टिकट भी जारी किया । डाक टिकट जारी करने के बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ कर पास हुए छात्र आज देश के बड़े संस्थानों के साथ साथ विदेशो में भी भारत देश का परचम लहरा रहे हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्र दुनिया में कहीं पर भी हो लेकिन भारत के संस्कृति को नहीं भूलते हैं।

पीएम मोदी के अभिभाषण की मुख्य बातें

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अपने अभिभाषण के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया की नजर भारत पर है। जिस सदी को भारत की बताया जा रहा है, उस लक्ष्य की तरफ भारत कैसे आगे बढ़ता है, इसे लेकर सब उत्सुक हैं। इसलिए हम सबका एकनिष्ठ लक्ष्य ये होना चाहिए कि भारत को आत्मनिर्भर कैसे बनाएं।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 21वीं सदी में भारत के छात्र-छात्राओं की जरूरतों को सबसे ज्यादा ध्यान में रखा गया है। हमारे देश के युवा नेशन फस्ट के आह्वान के साथ देश को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

अपने अभिभाषण के दौरान पीएम मोदी मुस्लिम समुदाय पर बात करते हुए कहा कि मुस्लिम बेटियों को स्कूल ड्रॉपआउट रेट 70% से ज्यादा था वो अब घटकर करीब-करीब 30% रह गया है। पहले लाखों मुस्लिम बेटियां शौचायल की कमी की वजह से पढ़ाई छोड़ देती थीं, अब हालात बदल रहे हैं।

देश जो योजनाएं बना रहा है वो बिना किसी मत मजहब के भेद के हर वर्ग तक पहुँच रही हैं। बिना भेदभाव, 40 करोड़ से ज्यादा गरीबों के बैंक खाते खुले। बिना भेदभाव, 2 करोड़ से ज्यादा गरीबों को पक्के घर दिए गए। बिना भेदभाव 8 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को गैस मिला।

बीते 100 वर्षों में AMU ने दुनिया के कई देशों से भारत के संबंधों को सशक्त करने का भी काम किया है। उर्दू, अरबी और फारसी भाषा पर यहां जो रिसर्च होती है, इस्लामिक साहित्य पर जो रिसर्च होती है, वो समूचे इस्लामिक वर्ल्ड के साथ भारत के सांस्कृतिक रिश्तों को नई ऊर्जा देती है।

अब से पहले तीन बार जारी हो चुका डाक टिकट

केंद्र सरकार की ओर से एएमयू के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के नाम से अब से पहले तीन बार डाक टिकट जारी किया जा चुका है। आखिरी बार वर्ष 2017 में एएमयू संस्थापक की जयंती को 100 वर्ष पूरे होने पर भी डाक टिकट जारी किया गया था।

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