जम्मू कश्मीर | सेनाध्यक्ष एम एन नरवणे कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर है। वे वहाँ पर लगातार सेना की तैयारियों की जांच कर रहे हैं।इस मौके पर सेनाध्यक्ष ने जवानों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान उत्तरी कमांड के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और सेना की 15वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीपी पांडे उनके साथ रहे। युद्ध विराम के समझौते के सौ दिन पूरे होने को लेकर सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा कि पाकिस्तान के साथ एलसी पर युद्ध विराम का समझौता इस वर्ष फरवरी में हुआ।
अभी तो युद्ध विराम जारी है, लेकिन यह आगे भी जारी रहे इसकी जिम्मेदारी पकिस्तान पर है। हम इस युद्ध विराम समझौते का तब तक पालन करने के लिए तैयार हैं जब तक वह इसका पालन करेंगे। जहां एक ओर जमीनी स्तर पर युद्ध विराम का पालन किया जा रहा है, वहीं पाकिस्तान द्वारा एलओसी के उस पार अभी भी आतंकी शिविर और आतंकी गतिविधियां जारी रखी जा रही हैं। इसको ध्यान में रखते हुए सेना भी सतर्क है।
पाकिस्तान पर भरोसा करना मुश्किल: सेनाध्यक्ष
नरवणे ने कहा है कि जहां तक पाकिस्तान पर भरोसा करने की बात है, भरोसा करना काफी मुश्किल है और इसे विकसित होने में काफी समय लगता है। पाकिस्तान के साथ दशकों से अविश्वास रहा है और उस स्थिति को रातोरात नहीं बदला जा सकता। अगर युद्ध विराम जारी रहता है और पाकिस्तान की ओर से आतंकियों को धकेलने का सिलसिला थम जाता है तो यह छोटे प्रयास दोनों देशों के बीच के रिश्तों को मजबूत करने में योगदान दे सकते हैं।
कोरोना की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए तैयार है सेना
सेनाध्यक्ष नरवणे ने कहा है कि कोरोना भी एक जंग की तरह है जिससे पूरा देश लड़ रहा है। इससे कोई भी परिवार नहीं बच पाया है, इसलिए सेना की यह जिम्मेदारी बनती है इस जरूरत की घड़ी में जो कुछ उनसे बन पाता है लोगों की मदद के लिए वो करें। सेना ने भी लोगों की मदद करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। सेना ने अस्पताल बनाए, हर कार्य में स्थानीय प्रशासन की मदद की। अपने संसाधनों का भी इस्तेमाल किया गया। जो तैयारियां हमने की है, उम्मीद करते हैं कि अगर कोई तीसरी वेव आती है तो हम उससे निपटने के लिए सक्षम हैं।