लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए सोनू सूद एक मसीहा बनकर सामने आए है। पिछले एक महीने से सोनू बसें, रेलगाड़ी और यहाँ तक की हवाई जहाज के जरिए भी प्रवासी मजदूरों और जरूरतमंदों को उनके घर पहुंचा रहे हैं। लेकिन सोनू सूद की ये दरियादिली शिवसेना के नेता संजय राउत को पसंद नहीं आ रही। वे लगातार अभिनेता पर तंज कस रहे है और इसके पीछे बीजेपी की राजनीतिक साजिश बता रहें हैं। रविवार को संजय राउत ने शिवसेना के अखबार ‘सामना’ (Saamana) में संपादकीय के जरिए भी सोनू पर हमला किया है।
अखेर सोनु सुद महाशयांना महाराष्ट्राच्या मुख्यमंत्रयांचा पत्ता सापडला..
मातोश्रीवर पोहोचले
जय महाराष्ट्र— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 7, 2020
संजय ने लिखा, “लॉकडाउन में अचानक एक महात्मा सूद सामने आ गया है। जब राज्य सरकारें किसी को कहीं जाने की अनुमति नहीं दे रही, तो वे कैसे यहाँ-वहाँ जा रहे हैं। बिना किसी राजनीतिक दल की मदद के ये मुमकिन नहीं है। बीजेपी के कुछ नेताओं ने सोनू सूद को गोद ले लिया है।” संजय के बयान को लेकर कुछ बड़े नेताओं ने उनकी आलोचना भी की है। वहीं रविवार को सोनू सूद ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद सोनू ने कहा था कि कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर पार्टी ने उनका समर्थन किया है।
Would request people to send requests only which are genuine. Have observed people tweet and later delete their requests which proves their are many fakes. This hampers our operation and will affect the real needy. So kindly think about the ones who need us 🙏
— sonu sood (@SonuSood) June 7, 2020
मेरे सभी प्रवासी भाइयों और बहनों के साथ मेरी यात्रा सबसे खास रही है l यह सीधे मेरे दिल से है। कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक जब भी किसी ने मुझ तक पहुँचने की कोशिश की, मैंने अपने पुरे प्रयासों को उन्हें उनके परिवारों के साथ पुनर्मिलन की मदद में लगा दी और यह मैं करते रहूँगा l
— sonu sood (@SonuSood) June 7, 2020
इसके अलावा सोनू ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें वे कुछ लोगों के प्रति अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। सोनू ने लिखा, “हम सभी से निवेदन करते हैं कि केवल जरूरतमंद लोग ही हमसे मदद मांगे। हमारी टीम ने देखा है कि कुछ लोग पहले मदद मांगते है और बाद में अपना मेसेज डिलीट कर देते हैं, जिससे हमें परेशानी हो रही है। ऐसे में वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुचंने में दिक्कत हो सकती है। कृपया आप ऐसे लोगों के बारे में भी सोचे।”