LAC पर चीनी सैनिकों की बढ़ती गतिविधियों के बीच, PM Modi ने भी बुलाई हाईलेवल मीटिंग

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भारत के साथ सीमा विवाद और अमेरिका के चीन पर लगाए गये कोरोना वायरस की उत्त्पत्ति को लेकर चीन ने मंगलवार को बड़ा कदम उठाया है। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। सीमा पर भारत से जारी तनाव के बीच चीन के राष्ट्रपति Xi Jinping ने अपनी सेना को हर मुश्किल हालात के लिए तैयार रहने को कहा है। संसदीय सत्र के दौरान सेना तथा सशस्त्र पुलिस के संयुक्त दल को संबोधित करते हुए Xi Jinping ने कहा, आप सबसे बुरे हालात को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी तेज कर दें। आपको मुश्किल हालात का सामना करते हुए देश की रक्षा करनी है।

वहीं, सीमा पर जारी तनाव के बीच भारत सरकार भी हरकत में आ गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी तीनों सेना प्रमुखों के साथ सीमा पर बढ़ते तनाव पर बैठक की। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, CDS जनरल बिपिन रावत और तीनों सेना के प्रमुख मौजूद रहे। PM Modi की बुलाई गई इस तरह की पहली बैठक से यह साफ है कि चीन सैन्य बल के सहारे भारत पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन इसे किसी भी स्थिति में सफल नहीं होने दिया जाएगा।

बैठक के दौरान सेना को सीमा पर चल रहे निर्माण कार्य को जारी रखने का निर्देश दिया गया है। भारतीय सेना लद्दाख और चीन से सटे इलाकों में सड़क निर्माण कर रही है। इसे रोकने के लिए चीन ने वहां अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। हाल ही में सैनिकों के बीच तनातनी भी हो गई थी। चीन ने भारत के निर्माण कार्यो में अड़ंगा लगाने की नीयत से ही लद्दाख क्षेत्र में सैन्य अतिक्रमण किया है और भारतीय सेना, चीनी सैनिकों के साथ आमने-सामने की स्थिति में पूरी मजबूती से डटी है। चीन के राष्ट्रपति ने अपने भाषण में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव का जिक्र किया।

इसके अलावा उन्होंने ताइवान के नेताओं के साथ बातचीत और डिप्लोमेसी को बढ़ाने की भी बात की। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग भी किया जाएगा। हांगकांग को लेकर चिनफिंग ने कहा कि नए कानून से लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों पर नकेल कसी जाएगी। तनातनी के बीच भारत-चीन सेना के कमांडरों की बुधवार से 3 दिन की कांफ्रेंस शुरू हो रही है। माना जा रहा है कि इस कांफ्रेंस में पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में चीन के कारण उपजे मौजूदा हालात पर ही चर्चा होगी। सेना के प्रवक्ता अमन आनंद के अनुसार, कांफ्रेंस का पहला चरण 27 मई से 29 मई तक चलेगा और दूसरा चरण जून के अंतिम सप्ताह में होगा।

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