भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिनों पहले ही यह ऐलान किया था कि उन तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाएगा, जिन पर किसानों को आपत्ति है।आज संसद के दोनों सदनों में विपक्ष इस बिल पर चर्चा की मांग कर रहा था लेकिन सत्ता पक्ष का कहना था कि जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस बिल पर माफी मांग ली है तो किस बात की चर्चा?
प्रधानमंत्री मोदी ने संसद सत्र से पहले कहा कि संसद का ये सत्र अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश आजादी के अमृत महोत्सव मना रहा है। हिंदुस्तान में चारों दिशाओं में से इस आजादी के अमृत महोत्सव के निमित्त रचनात्मक, सकारात्मक, जनहित के लिए, राष्ट्रहित के लिए, सामान्य नागरिक, अनेक कार्यक्रम कर रहे हैं, कदम उठा रहे हैं और आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन सपनों को पूरा करने के लिए सामान्य नागरिक भी इस देश का कोई न कोई दायित्व निभाने का प्रयास कर रहा है। ये खबरें अपने आप में भारत के भविष्य के लिए शुभ संकेत है।
उन्होंने कहा, सरकार हर विषय पर खुली चर्चा करने के लिए तैयार है। सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है और आजादी के अमृत महोत्सव में हम ये भी चाहेंगे कि संसद में सवाल भी हो, शांति भी हो… हम चाहते हैं संसद में सरकार के खिलाफ, नीतियों के खिलाफ जितनी आवाज प्रखर होनी चाहिए हो, लेकिन संसद की गरिमा, स्पीकर की गरिमा, इन सबके विषय में हम वो आचरण करें जो आने वाले दिनों में युवा पीढ़ियों के काम आए।