दुबई से लौटने के पश्चात् क्वारैंटाइन में था बेटा मां के अंतिम संस्कार में भी नहीं हो पाया शामिल

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अपनी बीमार मां से मिलने के सपने लेकर अपने वतन वापिस आ रहे नौजवान को क्या पता था कि जिस मां के साथ वक़्त बिताने के सपने लिए भारत आ रहा है, अंतिम समय में उसे अपनी मां का चेहरा भी देखना नसीब नहीं होगा। दरसल ये कोई फ़िल्मी कहानी नहीं है बल्कि, ये वाकया है, 30 साल के आमिर खान का जो अपनी बीमार मां के साथ वक्त बिताने के लिए दुबई में प्रोडक्ट कंसल्टेंट की नौकरी छोड़कर 13 मई को भारत लौटे। लेकिन, दिल्ली में उनका लॉकडाउन पीरियड खत्म होता, इससे पहले ही उन्हें अपनी मां की मौत की खबर मिली। आमिर अपनी मां के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हो पाए।

आमिर ने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर में उनकी मां का निधन शनिवार को हुआ। आमिर का क्वारैंटाइन पीरियड जल्द खत्म हो रहा था, लेकिन उन्हें जाने की इजाजत नहीं दी गई। रविवार को उनकी मां का अंतिम संस्कार था और इसी दिन सरकार ने क्वारैंटाइन के लिए नई गाइडलाइन जारी की। इसमें क्वारैंटाइन को 7-7 दिन के दो हिस्सों में बांटा गया। एक हिस्सा इंस्टिट्यूशनल क्वारैंटाइन और दूसरा हिस्सा 7 दिन के होम क्वारैंटाइन का। इसमें छूट दी गई थी कि परिवार में किसी इमरजेंसी या करीबी की मृत्यु पर पूरे 14 दिन होम क्वारैंटाइन की मंजूरी दी जा सकती है।

13 मई को भारत लौटे आमिर ने कहा- मैंने यह खबर अधिकारियों को दिखाई। मैंने उनसे कहा कि गाइडलाइन में बदलाव हुआ है, मुझे जाने दे सकते हैं। उनसे कहा कि मैं सभी ऐहतियात बरतूंगा, पर कुछ भी काम नहीं आया। मैं इस संक्रमण के साथ रहना तो सीख लूंगा, लेकिन भावनात्मक तौर पर जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई मुश्किल होगी। मैंने पिछले दो महीने केवल एक मकसद के लिए बिताये कि मैं अपनी मां के साथ कुछ वक्त गुजार सकूं। मैंने इसके लिए सब कुछ दांव पर लगा दिया। क्वारैंटाइन के आठवें दिन मैंने एसडीएम से कहा कि मेरा जाना बहुत जरूरी है। उन्होंने स्पेशल परमिशन लेने की बात कही।

इसके कुछ दिनों बाद मुझे फोन पर मां के गुजर जाने की खबर मिली। मैंने अधिकारियों से कहा कि मुझे अंतिम संस्कार में शामिल होने की इजाजत दें, लेकिन उन्होंने ऐसा करने की इजाजत नहीं दी। आमिर ने कहा- मैं मार्च में आना चाहता था, लेकिन कोरोनावायरस संक्रमण के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

दूतावास से इजाजत मिलने के बाद भारत आने की इजाजत मिली तो मैंने अपने ऑफिस में इसकी सूचना दी। यह जानने के बावजूद कि भारत आने पर 14 दिन का क्वारैंटाइन पीरियड बिताना होगा, वरिष्ठ अधिकारियों ने केवल 20 दिन की छुट्टी दी। इसके बाद मैंने जॉब छोड़ने का फैसला किया और वापस आ गया। मुझे नहीं पता था कि मेरी मां के पास बहुत कम वक्त बचा है।

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