आज पूरे भारत में उल्लास का माहौल है। प्रत्येक व्यक्ति आज आनंद से भर चुका है। चारों तरफ केवल भगवान श्री राम के नाम की मंगल ध्वनि सुनाई दे रही है। अयोध्या में श्री राम मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत भी मौजूद थे और उन्होंने भी प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ पूजन में भाग लिया। कार्यक्रम के बाद मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कई अहम बातों का जिक्र किया।
मोहन भागवत ने इस मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक बाला साहब देवरस का जिक्र किया उन्होंने कहा कि जब हमने राम मंदिर की बात को आगे बढ़ाया था तब बाला साहब ने हमसे यह कहा था इसके लिए 30 साल चाहिए होंगे। आज हमने यह संकल्प पूरा कर लिया है इसीलिए हमारे लिए बहुत प्रकार से आनंद का समय है। मोहन भागवत ने कहा कि राम मंदिर के लिए जिन बलिदानियों ने अपना बलिदान दिया वह सूक्ष्म रूप में यहां कहीं ना कहीं उपस्थित है।
अयोध्या के मंदिर से पहले करना होगा अपने दिल के मंदिर का निर्माण
मोहन भागवत ने राम मंदिर आंदोलन के मुख्य नेतृत्व कर्ताओं को याद करते हुए कहा कि अगर अशोक जी यहां होते तो कितना अच्छा होता, अगर रामचंद्र दास जी यहां होते तो कितना अच्छा होता। मोहन भागवत बोले कि लालकृष्ण आडवाणी जी यहां नहीं आ सकते हैं और वह अपने घर से इस कार्यक्रम को देख रहे होंगे। भागवत ने कहा कि अब हमें अयोध्या को सजाना सँवारना है। मोहन भागवत ने कहा कि भगवान श्री राम के भव्य मंदिर के बनने से पहले हमारे दिल में भगवान श्री राम का मंदिर बन जाना चाहिए।