प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या दौरे के लिए उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कमर कस ली है। अयोध्या और अयोध्या के आसपास के जिलों में हाई अलर्ट कर दिया गया है। सुरक्षा के लिहाज से पूरी अयोध्या में 7 जोन बना दिए गए हैं। सभी संवेदनशील जगहों जैसे अस्पतालों, विद्यालयों, पुलिस थानों और चौराहों आदि पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। प्रत्येक व्यक्ति की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। सूत्रों के अनुसार यह खबर आ रही है कि प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या में 3 या 3 से ज्यादा घंटे रुक सकते हैं।
अयोध्या की केंद्रीय और राज्य मार्गों को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। चप्पे-चप्पे पर चेकिंग की जा रही है। पूरे कार्यक्रम पर ड्रोन के जरिए भी नजर बनाई जाएगी। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि राम मंदिर का शिलान्यास बहुत बड़ा कार्यक्रम है और इसके खिलाफ कई अन्य देशों में साजिश रची गयी है, ऐसा खुफिया एजेंसियों के द्वारा समाचार भारत को मिला है। सबसे पहले भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने खबर दी थी कि पाकिस्तान के चार से पांच आतंकवादी भारत में घुसपैठ कर भारत की शांति व्यवस्था को बिगाड़ना चाहते हैं।
मंच पर उपस्थित होंगे केवल चार लोग
कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। श्री राम जन्म भूमि मंदिर के 5 अगस्त को भूमि पूजन कार्यक्रम में मंच पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास बैठेंगे।
यह फैसला शुक्रवार को हुई बैठक में ले लिया गया है। ट्रस्ट ने अभी तक 200 अतिथियों की लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया है। भूमि पूजन के कार्यक्रम में मंत्रियों, संघ और विश्व हिंदू परिषद के अतिथियों को अलग-अलग ब्लॉक में बैठाया जाएगा। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए पूरा देश और अयोध्या इस कार्यक्रम को टीवी के माध्यम से घर बैठकर देखेगा।