अयोध्या में बनने वाले भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण की तारीख निकट आ चुकी है। पीएमओ की ओर से आधिकारिक सूचना जारी करने के बाद यह तय हो जाएगा कि भगवान श्री राम का भव्य मंदिर निर्माण कब से प्रारंभ होगा। ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद गिरी जी महाराज ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार से कोई भी अनुदान नहीं लिया जाएगा। लेकिन इसके बाद यह सवाल होता है कि यदि सरकार से पैसा नहीं लिया जाएगा तो इतने बड़े मंदिर निर्माण के लिए धन कहां से आएगा? इस सवाल पर गोविंद गिरी महाराज ने कहा, “मंदिर भारत की आत्मा है। मंदिर निर्माण के लिए हम प्रत्येक उद्योगपति, व्यापारी और गांव- गांव, नगर -नगर जाकर सहयोग अभियान चलाएंगे। हम सांसदों, विधायकों और मुख्यमंत्रियों के पास भी जाएंगे। वे अपनी इच्छा अनुसार भगवान श्री राम के इस भव्य मंदिर निर्माण में अपनी सहायता दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते मंदिर निर्माण में कुछ बदलाव किए गए हैं। पहले यह बताया जा रहा था कि यह निर्माण 67 एकड़ भूमि पर होगा लेकिन अब यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भगवान श्रीराम का यह मंदिर 120 एकड़ भूमि पर बनकर तैयार होगा। जब कोषाध्यक्ष जी से पूछा गया कि भगवान श्री राम की भव्य मंदिर में कितनी लागत लगेगी? तो उनका कहना था कि इसके बारे में निश्चित तो नहीं बताया जा सकता, लेकिन हां यह कहा जा सकता है कि लगभग 100 करोड़ रुपए के आसपास भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण में धन लगेगा। उन्होंने आगे कहा कि धन प्रमुख नहीं है। कोरोना संक्रमण के चलते भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण के लिए 2 करोड़ का चंदा आ चुका है। ऐसे में हमें यह आशा है कि मंदिर निर्माण का कार्य भी चलता रहेगा और धन भी आता रहेगा। महाराज जी ने बताया इस कोरोना संक्रमण के दौरान सबसे ज्यादा दान पटना के महावीर हनुमान मंदिर से आया जो कि 2 करोड़ रुपए का था।
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