अपनी विवादित हरकतों के कारण सुर्खियों में बने रहने वाले उत्तर प्रदेश की संभल लोकसभा से सांसद शफीकुर रहमान वर्क ने एक तर्क हीन बयान दिया है। सांसद का कहना है कि यदि पूरे देश और प्रदेश से कोरोना संक्रमण को खत्म करना है तो मस्जिदों में सामूहिक रूप से मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की आजादी देनी होगी। सांसद ने दावा किया है कि कोरोनावायरस केवल नमाज के डर से ही भागेगा। हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार मस्जिद में एक बार में केवल 5 ही लोग नमाज पढ़ सकते हैं और मंदिरों में भी एक बार में 5 ही लोग दर्शन कर सकते हैं।
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सांसद वर्क ईद-उल-जुहा से ही इस काम को शुरू करने की इजाजत मांग रहे हैं। उन्होंने संभल के जिला अधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह को पत्र लिखकर इस बात की इजाजत मांगी। लेकिन जिला अधिकारी ने उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों अनुसार इस इजाजत को देने से इनकार कर दिया। आप सभी जानते होंगे कोरोना संक्रमण के चलते सभी हिंदुओं ने नवरात्रि, रामनवमी, परशुराम जन्मोत्सव और शिवरात्रि भी अपने घरों में ही मनाई है। ऐसे में अन्य धर्मों के लोगों से भी यही अनुरोध और आशा की जाती है कि वह भी अपने सभी त्यौहार अपने घरों में रहकर मनाएं क्योंकि जीवन ज्यादा महत्वपूर्ण है।
कौन है सांसद शफीकुर रहमान वर्क?
सांसद शफीकुर रहमान वर्क पहले बहुजन समाज पार्टी से सांसद थे और इस बार वे समाजवादी पार्टी से सांसद बने हैं। पिछली बार भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सतपाल सिंह सैनी से लोकसभा चुनाव हारने के बाद उन्हें लोकसभा से दूर होना पड़ा था। लेकिन इस बार सपा-बसपा गठबंधन के कारण रहमान की दोबारा जीत हुई। वर्क वही सांसद हैं जिन्होंने 2013 में वंदे मातरम गाने से इंकार कर दिया था और यह भी कहा था कि वंदे मातरम इस्लाम के खिलाफ है।